नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ने पहली बार व्यापक रूप में आंकड़े जारी किए हैं। आरबीआई ने बुधवार को अपनी एनुअल रिपोर्ट जारी की, जिसके बाद नोटबंदी को लेकर नए सिरे से बहस छिड़ गई है। जहां सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर अपनी सफलता गिना रही है, वहीं विपक्ष ने नोटबंदी पर फिर से सवाल खड़े किए हैं। हालांकि एक बात तय है कि नोटबंदी से जहां देश को कई फायदे हुए हैं वहीं कुछ नुकसान भी उठाने पड़े हैं।
आखिर क्या था नोटबंदी का लक्ष्य
सरकार ने नोटबंदी के दौरान ब्लैक मनी पर रोक,आतंकी फंडिंग और नकली नोटों की समस्या खत्म होने का भरोसा दिलाया था। हालांकि इन मुद्दों पर कितनी सफलता मिली यह कुछ समय बीतने के बाद ही तय होगा।
इकोनॉमिस्ट की नजर में फायदे
ज्यादातर इकोनॉमिस्ट का मानना है कि इससे पहला फायदा टैक्सपेयर्स का दायरा बढ़ने के रूप में सामने आया है। सरकार का इरादा ब्लैकमनी को सामने लाना था। जब सारा पैसा सिस्टम में आ गया है, तो इसे ब्लैकमनी को एक तरह से खत्म ही माना जा सकता है। लोगों ने अपना पैसा बैंकों में जमा किया है और बाद में टैक्स देना शुरू किया है। सरकार को यह टैक्स अब हरदम मिलेगा, यानी फायदा मिलता ही रहेगा। आंकड़ों के अनुसार पिछले साल 91 लाख नए टैक्सपेयर्स बढ़े हैं। इसके पिछले साल की अपेक्षा इनमें 80 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है।
कर्ज सस्ता मिलने का रास्ता खुला
दूसरा फायदा बैंकों में अचानक जमा राशि बढ़ने के रूप में सामने आया है। इसके चलते लोगों को कर्ज सस्ता मिलने का रास्ता खुला है। हाउसिंग लोन पर सभी बैंकों ने अपनी कर्ज की दर को घटा दिया है। पिछले साल हाउसिंग लोन की दरें जहां 10.5 से लेकर 12 फीसदी के बीच थीं वहीं यह अब 8 से 9 फीसदी के बीच आ चुकी हैं।
महंगाई पर लगाम लगी
तीसरा फायदा महंगाई घटने के रूप में सामने आया है। इकोनॉमिस्टों के अनुसार ब्लैकमनी से लोग अनापशनाप खरीदारी करते हैं, जिससे चीजों के दाम बढ़ जाते हैं। लेकिन पूरा पैसा सिस्टम में आने से ऐसी चीजें रुकी हैं,जिससे महंगाई पर लगाम लगी है। जहां नवंबर 2016 में यह दर 3.63 फीसदी थी, जो जुलाई 2017 में घट कर 2.36 फीसदी पर आ गई।
कैशलैस ट्रांजेक्शन में इजाफा
इसके अलावा चौथा फायदा सोसाइटी में कैशलैस ट्रांजेक्शन बढ़ने के रूप में सामने आया है। नोटबंदी से सरकार लगातार कैशलैस ट्रांजेक्शन बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इससे जहां पूरा कारोबार ऑन पेपर हो रहा है, वहीं बाजार में नोटों की जरूरत कम हो रही है। इससे टैक्स चोरी रोकने में मदद मिलेगी। रिजर्व बैंक के डाटा के अुनसार नवंबर 2016 से मार्च 2017 के बीच 33 फीसदी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बढ़ा है।
नकली नोट छापना मुश्किल
जानकारों की राय में नोटबंदी से पांचवां बड़ा फायदा नकली नोटों को रोकने में मिला है। आतंकी फंडिंग में इन नोटों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने का आरोप था। सरकार का दावा है कि नोटबंदी के बाद से आंतकी फंडिंग पर ब्रेक लग गया है। 500 और 2000 के नए नोट में सिक्युरिटी फीचर बढ़ाए गए हैं। इसके चलते नए नोट नकली छापना कठिन हो रहा है वहीं पुराने नोट बंद होने से यह समस्या फिलहाल पूरी तरह से रुक गई है।
नोटबंदी के ये हुए नुकसान
जहां कुछ इकोनॉमिस्ट फायदे गिना रहे हैं, वहीं इसके नुकसान भी गिनाए जा रहे हैं। जानकारों की राय में पहला नुकसान कंपनियों के कारोबार पर पड़ा। इससे कंपनियों का प्रॉफिट घटा। रेटिंग एजेंसी ICRA की रिपोर्ट के अुनसार वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही में 448 कंपनियों की ग्रोथ में गिरावट दर्ज की गई है। यह इसके एक साल पहले इसी तिमाही में 8.3 फीसदी से घटकर 5.3 फीसदी पर आ गई है। यही नहीं कंपनियों का शुद्द लाभ भी 1.80 फीसदी से घटकर 15.7 फीसदी पर आ गया।
लाखों लोगों की गई नौकरी
वहीं इससे जुड़ा दूसरा नुकसान नौकरियों में कमी के रूप में आया। कंपनियों का जब कारोबार प्रॉफिट घटा तो उन्होंने लोगों की छंटनी की। जिससे लाखों लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी। CMIE के अनुसार नोटबंदी के बाद से करीब 15 लाख नौकरियां गई हैं।
जीडीपी में गिरावट
इसका तीसरा असर देश की जीडीपी में गिरावट के रूप में सामने आया। पिछले साल देश की जीडीपी में गिरावट दर्ज की गई। CSO के डाटा के अनुसार 2016-17 में जीडीपी गिरकर 6.6 फीसदी पर आ गई। यह दर 2015-16 के दौरान 7 फीसदी के ऊपर थी।
ब्याज दरों में कमी
चौथा नुकसान लोगों को बैंकों में सेविंग अकाउंट में ब्याज दरों में कमी के रूप में सामने आया है। देश में अभी तक कभी भी सेविंग अकाउंट में ब्याज दरें नहीं घटीं थीं, लेकिन अब ज्यादातर बड़े बैंक अपने सेविंग में ब्याज दरों को आधा फीसदी घटा कर 3.5 फीसदी कर चुके हैं।
गंवानी पड़ी जान
वहीं पांचवां नुकसान ऐसा रहा है जिसकी भरपाई संभव नहीं है। देश में नोटबंदी के दौरान कुछ लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ी। यह लोग बैंकों से नई करेंसी लेने के लिए लाइनों में लगे थे, जिस दौरान यह हादसे सामने आए। मीडिया रिपोर्ट के अुनसार करीब 90 से ज्यादा जानें इस दौरान गईं।
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