अगर
कोई सवाल पूछे कि तुम जहां रहते हो उसके पड़ोसी जिले में कितनी बार गए हो तो शायद
99 फीसदी लोगों का जवाब ‘ बहुत बार’होगा। लेकिन मैं उन 1 फीसदी लोगों में से हूं जिनका जवाब ‘2 से 4 बार’ होगा। जी हां, मैं अपने
जिला सीवान का होकर भी चंद किलोमीटर दूर गोपालगंज बेहद कम गया हूं। यहां मेरे इस
कथित ‘पराक्रम’ का
मकसद गोपालगंज की स्थिति से रूबरू कराना है।
दरअसल, जिस दौर
में सीवान के हिंदू शहाबुद्दीन के खौफ में जी रहे थे उसी दौर में गोपालगंज में
सतीश पांडे ने हिंदुओं के लिए खड़े हुए और उन्होंने समय – समय पर शहाबुद्दीन को
चुनौती भी दिया। संभवत: यही वजह है कि सतीश पांडे के बाहुबली पराक्रम में लोगों ने
उसमें रॉबिन हुड देखा। लेकिन गोपालगंज में भाजपा के दिग्गज नेता कृष्णा शाही की
हत्या के बाद से पहली बार सतीश पांडे सवालों के घेरे में हैं। दरअसल, कृष्णा
शाही की पत्नी शांता ने इशारों में ही सतीश पांडे पर आरोप लगा दिया है। उनका कहना
है कि परिवार को जदयू विधायक अमरेन्द्र कुमार पाण्डेय उर्फ़ पप्पू पाण्डेय उनके भाई
सतीश पांडे और भतीजा मुकेश पांडे से खतरा है। उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच
कराने की भी मांग कर डाली है। वहीं पुलिस इस हत्या को रंजिश और अवैध संबंध से
जोड़ कर देख रही है। अहम बात तो यह है कि जिस जेडीयू विधायक पर शांता शाही ने आरोप
लगाया है उनकी पार्टी अब भाजपा के साथ सरकार चला रही है। तो ऐसे में यह देखना अहम
है कि शांता शाही के मामले में कोई सुनवाई होगी।