Thursday 30 March 2017

अब 2000 करोड़ की भोजपुरी फिल्म.....

अगर आपसे कोई सवाल पूछे, भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री को किस रूप में याद रखना चाहेंगे। आपके पास तीन विकल्प हैं — उन अश्लील गानों के लिए जिसे एकांत में भी सुनने में शर्म आ जाए या उस मनोज तिवारी और रवि किशन के लिए जिन्होंने देश दुनिया में एक खास पहचान बनार्इ् या फिर  उस जगह के लिए जहां अमिताभ बच्चन समेत बॉलीवुड के तमाम धुरंधर एक्टिंग कर चुके हैं। तो संभवत: आपका जवाब पहला 'विकल्प' होगा। दरअसल, भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री को लेकर लोगों के दिमाग में यह बात 'फेविकॉल' की तरह चिपक गई है कि यहां हर दिन अश्लीलता के नए रिकॉर्ड टूटते हैं। हो भी क्यों न,  गुड्डू रंगीला और राधेश्याम रसिया जैसे सिंगर्स ने अश्लील गानों के जरिए भोजपुरी की छवि पर जो किचड़  उछाला है उसकी उसकी गंदगी आज भी साफ नहीं हो सकी है।  लेकिन ​इसमें भी कोई शक नहीं है कि इस इंडस्ट्री की छवि पिछले कुछ समय से बदली है। कुछ सालों से अच्छे सिंगर, अच्छे हीरो, अच्छी फिल्में आ रही हैंं यही वजह है कि यह इंडस्ट्री 2000 करोड़ से ज्यादा का कारोबार कर चुकी है। अगर कारोबार के लिहाज से देखें तो 2015 भोजपुरी के लिए सबसे बेहतर साल रहा। इस साल भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के बॉक्स आॅफिस का टोटल कलेक्शन 35 करोड़ था। जबकि 2016 में 56 फिल्मों के जरिए 30 करोड़ की कमाई हुई।




वहीं निरहुआ ने पिछले 10 साल में 8 ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं। निरहुआ की फिल्म 'बम बम बोल रहा है काशी', 'निरहुआ रिक्शावाला पार्ट — 2 ' और राजकुमार पांडे की फिल्म  'दुल्हन चाही पाकिस्तान से' 2016 की सबसे बडी हिट साबित हुई। इस फिल्मों ने 6 से 8 करोड़ तक की कमाई की ।

दरअसल, दिनेश लाल यादव, खेसारी लाल और पवन सिंह जैसे एक्टर और सिंगर ने भोजपुरी इंडस्ट्री के सफाई 'अभियान' में योगदान दिया है। इन एक्टर्स ने अपनी एक्टिंग के साथ—साथ सिंगिंग टैलेंट से भी लोगों का दिल जीता है। पिछले कुछ सालों से कई ऐसे गाने आए हैं जिन्हें सुनने को लेकर लोगों में गजब की बेताबी देखी जा रही है। मसलन, पिछले साल दिनेश लाल यादव का गाना, 'नई झुलनी ने छैंया बलम दुपहरिया...को लोगों ने खूब पसंद किया तो पवन सिंह का गाना  'ए रानी हमहूं ओवरलोड बानी... भी जुबां पर चढ गया है। वहीं इन दिनों खेसारी लाल यादव का गाना , कवना देवता के गाढल सवारल हउ... भी खूब सुना जा रहा है। बहरहाल, अब नजरें इस बात पर टिकी हैं कि 2017 में 10 करोड तक का कलेक्शन करने वाली कोई फिल्म आएगी।




Friday 24 March 2017

योगीराज में 'रोमियो' की अग्निपरीक्षा

यूपी में इन दिनों दो ही नाम की चर्चा है। पहला नाम सीएम योगी आदित्यनाथ तो दूसरा उनके दिमाग की खुरापात। जहां योगी जी राज्‍य के अलग अलग दफ्तरों में पहुंच कर लोगों को 'धप्पा' मार रहे हैं तो वहीं उनकी एंटीरोमियो स्क्वॉड अलग  अलग शहरों से रोमियो पर 'धप्पा' मार रही है। दरअसल, यह मुहिम सही मायने में उन रोमियो के लिए अग्निपरीक्षा है जो पार्क में बैठकर  अपनी जुलियट के हाथों को चूमते हुए 'नेताओं के स्टाइल' में चांद तारे तोड़ लाने के फिल्मी 'वायदे' करते हैं। मेरे सूत्रों का कहना है कि योगी सरकार इसके जरिए यह जांच कर रही है कि यह वायदे सही हैं या फिर गलत। संभव है कि बतौर संन्‍यासी योगी जी यह जानना चाहते हों कि कहीं ये रोमिया सिर्फ खास मकसद के लिए तो जुलियट से नहीं चिपके।
इसके अलावा यह मुहिम उन जुलियट्स के लिए भी एक मौका है
, जो अपने प्यार में नकली और असली का फर्क अब तक नहीं ढूंढ पा रही थीं और फोन लगाकर पंडि़तों और रेडियो चैनल्‍स के आरजे से इसके तरीके की तलाश करती थीं। अब इन जुलियट्स को अपने रोमियो के लव टेस्‍ट के लिए न तो कुछ सोचने की जरूरत है , न ही किसी आरजे से फोन पर अपनी तकलीफ का सॉल्‍यूशन पूछ ऑडियंस को पकाने की जरूरत है।  वो अलग बात है कि इससे रे‍डियो चैनल्‍स के आरजे की नौकरी पर भी खतरा मंडरा सकता है । 

हालांकि बिजनेस एंगल से देखें तो एक नुकसान झिलमिल, प्‍यारा भवन जैसे सिनेमा हॉल्‍स भी इस मुहिम से बंद हो सकती हैं। जानकारों के मुताबिक जिस प्रकार एंटी रोमियो टीम सिनेमाहॉल्‍स में धप्‍पा मार रही है उससे उनके बिजनेस को धक्‍का लग रहा है। फोर्ब्‍स भी अगर इससे जुड़े आंकड़े निकालती तो निश्चित ही पिछले कुछ दिनों से इन सिनेमा हॉल्‍स के कारोबार गिरावट की खबरें आतीं। बहरहाल, मेरे सूत्र ने बताया है कि इन हॉल्‍स की कॉर्नर वाली सीट के टिकट में भारी गिरावट आई है।

इन सब के बीच सबसे इंप्रेसिव बात यह है कि यूपी पुलिस को काम करने दिया जा रहा है। यूपी पुलिस के बारे में राज की बात ये पता चली है कि उनकी आंखों में स्‍कैनर मशीन भी है।  तभी तो वह मानते हैं कि इन मादक आंखों से रोमियो की पहचान कर लेते हैं। भले ही उन आंखों में 2 बोतल शराब का नशा ही क्‍यों न हो। हालात यह हो गए हैं कि अखिलेश राज में लड़कियां घर से बाहर निकलती थीं तो घरवालों से उन्हें संभलकर जाने की नसीहत मिलती थी । उसके उलट अब जब कोई लडका घर से बाहर निकल रहा है तो उसके पेरेंट्स संभलकर जाने की नसीहत दे रहे हैं। बहरहाल, पुलिस की रोमियो के प्रति बेदर्दी को देखकर लगता है कि कुछ दिनों में बेटा बचाओ मुहिम चलाने की जरूरत पड़ेगी।
 
नोट हम यूपी पुलिस की इस काबिलियत को सलाम करते हैं ….

एक वीडियो भी देख लीजिए,कैसे यूपी पुलिस रोमियो की आंखों को देखकर पहचान लेती है। 














Thursday 23 March 2017

किस करना कोई इनसे सीखे..

आपको फिल्म थ्री इडियट का वह सीन तो याद ही होगा, जिसमें चतुर रामलिंगन अपने प्रिंसिपल के लिए तारीफ के दो शब्द बोलता है। उस सीन के एक डायलॉग में चतुर अपने समय का सदुपयोग कैसे करें,ये प्रिसिपल से सीखने की सलाह देता है। अगर उस सीन के एक डायलॉग की तर्ज पर कोई आपसे पूछ कि आप लोगों को इमरान हाशमी से क्या सीखने की सलाह देंगे तो आपका जवाब संभवत: होगा — कोई किस करना इमरान हाशमी से सीखे।

जी बिलकुल, इमरान हाशमी ने देश की जनता को किस ​की किस्मों के बारे में बताया। इमरान ने फिल्मी दुनिया में उस दौर में कदम रखा जब देश 2003 विश्वकप के फाइनल में हार का गम मना रहा था। तभी इमरान ने लोगों को जीने की वजह बताई। क्रिकेट के दीवाने देश के लोगों की घोर निराशा को इमरान हाशमी ने आशा में बदलने का काम किया। उन्होंने बताया​ कि 22 गज की पिच से निकलकर सिनेमाहॉल के परदे की ओर नजर घूमाओ, सब फील गुड होगा। इस फील गुड से आपको शायद अटल बिहारी बाजपेयी की याद आ गई होगी। बहरहाल, ये भी जान लीजिए कि बाजपेयी जी के इंडिया शाइन के सपने को इमरान ने भी चमकाया। उन्होंने अपने टैलेंट से हर उम्र के मर्दों को खुश किया। वो अलग बात है कि वो सब छुप के उनके टैलेंट को देखते थे।  दरअसल, अपने 14 साल के फिल्मी कैरियर में किस को लेकर कई प्रयोग किए। 33 से अधिक फिल्में कर चुके इमरान को अपने टैलेंट के बारे में बखूबी पता है । इसी गंभीरता को देखते हुए उन्होंने किस आॅफ लाइफ नामक बायोपिक भी ला दी।  

उन्होंने किसी भी हीरोइन से कभी भेदभाव नहीं किया। मल्लिका सेहरावत से लेकर प्राची देसाई तक को उन्होंने अपने किसिंग टैलेंट का लोहा मनवाया। हालांकि बीच में अजहर, शंघाई जैसी फिल्मों में जब वह दिखे तब लगा कि वह पूरी फिल्म में गंभीर रहेंगे। लेकिन बीच—बीच में उन्होंने किसिंग सीन से प्रशंसकों को निराश नहीं किया।बहरहाल, आज इमरान का जन्मदिन है, उनके बारे में विभिन्न वेबसाइट पर कई तरह की जानकारी आप सभी को दी जाएगी। इसलिए मैं ज्ञान बखारने से बेहतर इमरान हाशमी को जन्मदिन की शुभकामनाएं देना पसंद करूंगा ।


Wednesday 22 March 2017

मियां, तुम तो बहुत गरीब हो...

कहते हैं, प्यार में अमीरी— गरीबी नहीं देखी जाती है! शायद यही वजह है कि जब भारत की टेनिस स्टार सानिया मिर्जा को पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक से प्यार हुआ तो उन्होंने उनकी गरीबी नहीं देखी। हालांकि ये भी हो सकता है कि मलिक ने सानिया और उनकी फैमिली को अपनी अमीरी दिखाने के लिए फिल्म कूली नंबर 1 वाले गोविंदा की तरह दूसरे किसी की प्रॉपर्टी को अपना बता दिया होगा और अब सानिया अपनी बेवकूफी सार्वजनिक न करना चाहती हों बहरहाल , वर्तमान में स्थिति यह है कि जितना पैसा सानिया को भारत के लिए टेनिस खेलने के मिलते हैं उसका 12वां हिस्सा उनके पति शोएब मलिक को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड सैलरी के रूप में देती है। जी हां, सानिया मिर्जा की सालाना सैलरी 3 करोड है जबकि मलिक मात्र 26 लाख पाते हैं। सानिया जहां भारत की टॉप टेनिस प्लेयर हैं वहीं मलिक ग्रेड बी के प्लेयर हैं।  




जानिए भारतीय क्रिकेटरों की कितनी है कमाई

बीसीसीआई द्वारा जारी अनुबंध में बताया कि ग्रेड ए के खिलाडि़यों की मैच के जरिए 2 करोड़ रुपए प्रति वर्ष कमाई हो रही है। वहीं ग्रेड बी के खिलाड़ी मैच खेलकर 1 करोड़ प्रति वर्ष कमा रहे हैं। जबकि ग्रेड सी के खिलाड़ी 50 लाख प्रति वर्ष कमाई कर रहे हैं। इससे पहले यह राशि क्रमश: 1 करोड़, 50 लाख और 25 लाख रुपए थी।   

जानिए पाक क्रिकेटरों की कितनी है कमाई

वहीं पाकिस्‍तान के क्रिकेटरों की कमाई की बात करें तो सितंबर 2016 से अगस्‍त 2017 के बीच इनकी सैलरी पिछले साल से 10 फीसदी बढ़ी। इसके बावजूद कैटेगरी ए के खिलाडि़यों को प्रति टेस्‍ट मैच 4 लाख पाकिस्तानी रुपए मिलते हैं जबकि वनडे में 3 लाख और टी 20 में 1.25 लाख पाकिस्तानी रुपए की कमाई होती है। वहीं सालाना कमाई की बात करें तो ग्रेड ए के खिलाडि़यों की 60 लाख है। पाक प्लेयर्स की रकम अगर भारतीय रुपए में कन्वर्ट करें तो और कम हो जाता है। 

ग्रेड ए में कौन – कौन से भारतीय खिलाड़ी हैं शामिल

ग्रेड ए – विराट कोहली, महेंद्र सिंह धोनी, आर अश्विन, अजिंक्‍य रहाणे, चेतेश्‍वर पुजारा, रविंद्र जडेजा, मुरली विजय शामिल हैं। यानी इन खिलाडि़यों की क्रिकेट खेलकर सालान कमाई 2 करोड़ है। यानी इन खिलाडि़यों की मंथली इनकम 17 लाख के करीब होती है।

ग्रेड ए में कौन – कौन से पाक खिलाड़ी हैं शामिल

कैटेगरी ए - मिस्‍बाह उल हक, यूनिस खान, मोहम्‍मद हफीज, अजहर अली, मोहम्‍मद आमिर, यासिर शाह शामिल हैं। क्रिकेट खेलकर इनकी सालाना कमाई 60 लाख है। यानी मंथली इनकम 5 लाख होती है।  

ग्रेड बी की कमाई के बारे में

पाक क्रिकेट की ग्रेड बी- अहमद शहजाद, असद शफीक, सोहैल खान, शोएब मलिक, बाबर आजम, सरफराज अहमद, वहाब रियाज, शामी असलम शामिल हैं। इन खिलाडि़यों की मासिक इनकम 345,000 होती है। यानी ये खिलाड़ी साल में 42 लाख तक की कमाई क्रिकेट खेलकर करते हैं।  

भारतीय क्रिकेट की ग्रेड बी–  रोहित शर्मा, केएल राहुल, भुवनेश्‍वर कुमार, मोहम्‍मद शमी, ईशांत शर्मा, उमेश यादव, रिधिमान साहा, जसप्रीत बुमराह और युवराज सिंह शामिल हैं। क्रिकेट खेलकर ये खिलाड़ी 1 करोड़ रुपए सालाना कमाई करते हैं । अगर मंथली इनकम में देखें तो यह 8 लाख 35 हजार तक की होती है।


ग्रेड सी के खिलाडि़यों का हाल

भारत के ग्रेड सी – शिखर धवन, अंबाति रायडू, अमित मिश्रा, मनीष पांडे, अक्षर पटेल, करूण नायर, हार्दिक पटेल , आशीष नेहरा, केदार जाधव, यजुवेंद्र चहल, पार्थिव पटेल, जयंत यादव, मनदीप सिंह , धवल कुलकर्णी, शर्दुल ठाकुर, रिषभ पंत शामिल हैं। इन खिलाडि़यों को बीसीसीआई से सालाना 50 लाख रुपए मिलते हैं। यानी ये खिलाड़ी क्रिकेट से 4 लाख 15 हजार रुपए हर महीने कमाई करते हैं।  

पाक के ग्रेड सी – अनवर अली, फवाद आलम, इमरान खान, हैरिस सोहेल, मोहम्‍मद रिजवान, मोहम्‍मद इरफान, शान मसूद, उमर अकमल शामिल हैं। इन खिलाडि़यों की 2 लाख के करीब मासिक कमाई होती है। इस लिहाज से सालाना कमाई देखें तो 24 लाख होती है।  


Tuesday 21 March 2017

करोड़पति नहीं, लखपति हैं यूपी के नए सीएम योगी

यूपी के नए आदित्य नाथ योगी के बारे में आपने बहुत कुछ सुना होगा लेकिन आज हम उनके बारे में कुछ खास बात बताते हैं। आदित्यनाथ की पहचान फायरब्रांड नेता के रूप में रही है।  गोरखनाथ मंदिर के महंत वैद्यनाथ ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, जिसके बाद वे राजनीति में आए। साल 2014 में गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ की मौत के बाद वे यहां के महंत यानी पीठाधीश्वर चुन लिए गए। योगी आदित्यनाथ भाजपा के सांसद होने के साथ हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं।



कारों के हैं शौकीन
योगी आदित्‍यनाथ के बारे में बात करें तो शादीशदुा नहीं हैं। उनकी संपत्ति की बात करें तो उनके पास अपना घर और जमीन नहीं है। इसके बावजूद उन्हें कार रखने का शौक है। 2004 में योगी के पास एक क्वालिस, एक टाटा सफारी और एक मारुति एस्टीम कार थी। 2009 में उन्होंने अपनी कारें बदलीं। उन्होंने एस्टीम और क्वालिस को हटाकर अपने गैरेज में एक नई सफारी और एक  फोर्ड आइकॉन खरीदा।

72 लाख की संपत्ति
योगी आदित्‍यनाथ ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान हलफनामे में 72 लाख की संपत्ति का एलान किया। इसमें 3 लाख की टाटा सफारी, 21 लाख की टोयोटा फॉर्च्यूनर और 12 लाख की इनोवा शामिल थी। दिलचस्‍प बात यह है कि 20 साल के पॉलिटिकल करियर होने के बावजूद वे आजतक करोड़पतियों की कैटेगरी में
नहीं आए हैं।

हथियार के हैं शौकीन
योगी आदित्‍यनाथ को हथियार रखने का शौक है। 2004 में उनके पास महज 30 हजार रुपए के हथियार थे। 2009 में उन्होंने पुराने हटाकर 1 लाख 80 हजार की नई रिवॉल्वर और राइफल खरीदीं। 2004 में योगी के पास कुल 9 लाख 60 हजार की संपत्ति थी। तब उनके पास एक 10 हजार रुपए की रिवॉल्वर और 20 हजार रुपए
की राइफल थी।

45 हजार की गोल्ड ज्वैलरी
2004 में जहां उनके पास एक अंगूठी तक नहीं थी, वहीं 2014 में उनके पास 45 हजार की गोल्ड ज्वैलरी थी। योगी अष्ट धातु के कुंडल और सोने की चेन पहनना पसंद करते हैं।

Monday 20 March 2017

किसी प्रयोगशाला से कम नहीं रानी का फिल्‍मी कैरियर


बर्थड स्‍पेशल 

लड़की की आवाज में मधुरता के साथ – साथ एक अदब भी होनी जरूरी होती है लेकिन जब रानी मुखर्जी ने बॉलीवुड की दुनिया में कदम रखा तो लोगों ने उनकी आवाज को मर्द की आवाज करार दिया। लड़की के आवाज में भारीपान होना आलोचकों को भा नहीं रहा था। यही वजह थी कि मध्यम कद और सांवले रंग की रानी मुखर्जी ने बॉलीवुड में जब दस्तक दी, तो उनकी कद-काठी को देखकर हर किसी ने उन्हें हल्‍के में लिया। लेकिन रानी ने इसी को अपना हथियार बनाया और 1998 की फिल्म 'कुछ कुछ होता है'  में एक्‍टिंग के बल पर फिल्मफेयर में सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेत्री का पुरस्कार जीतकर यह साबित कर दिया कि प्रतिभा का कोई कद या पैमाना नहीं होता। दरअसल, रानी मुखर्जी का फिल्‍मी कैरियर किसी सफल प्रयोगशाला से कम नहीं है। रानी ने फिल्‍मों और अपने किरदारों के साथ जितने प्रयोग किए उससे कहीं ज्‍यादा उनसे इंसाफ भी किया। बात चाहें फिल्‍म ब्‍लैक की दिव्‍यांग किरदार मिशेल मैकनैली की हो या फिर बंटी और बबली की चुलबुली बबली का किरदार हो। हर रोल में खुद को फिट किया और अपना लोहा मनवाया। यही वजह थी कि कुछ सालों में ही वह बॉलीवुड की रानी बन गईं। फिल्म 'ब्लैक' में रानी ने अभिनय प्रतिभा का शक्तिशाली सबूत दिया। जिसमें उन्होंने एक अंधी-बहरी लड़की का किरदार निभाया था। 



2004 के बाद बढ़ा रानी का कद

अगर देखा जाए तो रानी के लिए साल 2004 से फिल्मी कैरियर की सफल यात्रा शुरू हुई। रानी ने फिल्म 'युवा', 'हम-तुम' 'वीर जारा' ब्लैक, 'बंटी और बबली' 'कभी अलविदा न कहना' जैसी हिट फिल्में दीं। 2005 में रानी ने 50वें फिल्मफेयर पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री दोनों ही पुरस्कार अपने नाम किए। एक ही साल में दोनों पुरस्कार जीतने वाली रानी पहली अभिनेत्री बनीं। वहीं 2005 में रानी के लिए तब सम्मा नित पल था जब उन्हेंर पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के साथ भोजन का न्योता दिया गया था। रानी ने वर्ष 2006 में अन्य बॉलीवुड अभिनेत्रियों के साथ ऑस्ट्रेलिया के कॉमनवेल्थ खेलों में भारतीय परंपरा का प्रदर्शन किया। 2015 में रानी ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट द्वारा आयोजित एक चैरिटी डिनर में प्रिंस चार्ल्स के साथ शामिल हुई थीं।