जयललिता, ये नाम सिर्फ तमिलनाडु की मुख्यमंत्री भर का नहीं था..ये नाम भारतीय राजनीति की नई लकीर खींचने वाली उस महिला का था जिसने हमेशा प्रयोगों की राजनीति की। ये नाम उस आयरन लेडी का था जिसको कभी घुटने टेकना मंजूर नहीं था। ये नाम हार और जीत के उतार चढ़ाव से गुजरने वाली उस शानदार शख्सियत का है जिसने मोहब्बत से नफरत तक सब कुछ दिल खोल कर ही किया।
दरअसल, खूबसूरत अभिनेत्री रहीं जयललिता अन्य महिला नेताओं से बिलकुल अलग थीं। उन्हें न तो कभी ममता बनर्जी की तरह तुनुकमिजाजी की राजनीति करनी आई और न ही उन्होंने मायावती की तरह हमेशा ही जातीय समीकरण बिठाए। यह भी सच है कि जयललिता ने क्षत्रप राजनीति करने वाले अन्य नेताओ से खुद को दूर ही रखा। उन्होंने कभी राजनीतिक प्यास के लिए नितीश कुमार और लालू यादव की तरह मूल्यों को नजरअंदाज नहीं किया। जयललिता को अपने राज्य और वोटरों से सिर्फ वोट की मोहब्बत नहीं रही। उन्होंने राज्य के लोगों को सच में वो प्यार दिया जिसमें 'अम्मा' वाली खुशबू आती थी। तभी तो वो 6वीं बार मुख्यमंत्री भी बनीं। कहा ये भी जाता है कि अम्मा के नाम से मशहूर जयललिता को अपनी आलोचना पसंद नहीं आती थी लेकिन फिर भी लोगों ने प्यार दिया। उनके कार्यकर्ता और समर्थक उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं और जयललिता ऐसी श्रद्धा का बुरा नहीं मानतीं थीं। आयकर विभाग से लेकर विपक्षी पार्टियों तक से जयललिता परेशान हुईं । आलोचकों ने उनकी साड़ी से लेकर सैन्डल तक गिन लिए लेकिन जयललिता ने इसका न कभी बुरा माना और न कभी हार माना। और उनकी यही अदा शायद तमिलनाडु के लोगों को पसंद आ गई। भारतीय महिला समाज के लिए प्रेरणा बन चुकीं 'अम्मा' पिछले कई दिनों से अस्पताल में नई चुनौती से निपट रही थीं। दुखद, जयललिता इस दुनिया में नहीं रहीं लेकिन वह अम्मा बन कर दिलों में राज करेंगी।
दरअसल, खूबसूरत अभिनेत्री रहीं जयललिता अन्य महिला नेताओं से बिलकुल अलग थीं। उन्हें न तो कभी ममता बनर्जी की तरह तुनुकमिजाजी की राजनीति करनी आई और न ही उन्होंने मायावती की तरह हमेशा ही जातीय समीकरण बिठाए। यह भी सच है कि जयललिता ने क्षत्रप राजनीति करने वाले अन्य नेताओ से खुद को दूर ही रखा। उन्होंने कभी राजनीतिक प्यास के लिए नितीश कुमार और लालू यादव की तरह मूल्यों को नजरअंदाज नहीं किया। जयललिता को अपने राज्य और वोटरों से सिर्फ वोट की मोहब्बत नहीं रही। उन्होंने राज्य के लोगों को सच में वो प्यार दिया जिसमें 'अम्मा' वाली खुशबू आती थी। तभी तो वो 6वीं बार मुख्यमंत्री भी बनीं। कहा ये भी जाता है कि अम्मा के नाम से मशहूर जयललिता को अपनी आलोचना पसंद नहीं आती थी लेकिन फिर भी लोगों ने प्यार दिया। उनके कार्यकर्ता और समर्थक उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं और जयललिता ऐसी श्रद्धा का बुरा नहीं मानतीं थीं। आयकर विभाग से लेकर विपक्षी पार्टियों तक से जयललिता परेशान हुईं । आलोचकों ने उनकी साड़ी से लेकर सैन्डल तक गिन लिए लेकिन जयललिता ने इसका न कभी बुरा माना और न कभी हार माना। और उनकी यही अदा शायद तमिलनाडु के लोगों को पसंद आ गई। भारतीय महिला समाज के लिए प्रेरणा बन चुकीं 'अम्मा' पिछले कई दिनों से अस्पताल में नई चुनौती से निपट रही थीं। दुखद, जयललिता इस दुनिया में नहीं रहीं लेकिन वह अम्मा बन कर दिलों में राज करेंगी।
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