Sunday 4 December 2016

भारतीय राजनीति की धुरी जयलिलता

जयललिता, ये नाम सिर्फ तमिलनाडु की मुख्यमंत्री भर का नहीं था..ये नाम भारतीय राजनीति की नई लकीर खींचने वाली उस महिला का था जिसने हमेशा प्रयोगों की राजनीति की। ये नाम उस आयरन लेडी का था जिसको कभी घुटने टेकना मंजूर नहीं था। ये नाम हार और जीत के उतार चढ़ाव से गुजरने वाली उस शानदार शख्सियत का है जिसने मोहब्बत से नफरत तक सब कुछ दिल खोल कर ही किया।
दरअसल, खूबसूरत अभिनेत्री रहीं जयललिता अन्य महिला नेताओं से बिलकुल अलग थीं। उन्हें न तो कभी ममता बनर्जी की तरह तुनुकमिजाजी की राजनीति करनी आई और न ही उन्होंने मायावती की तरह हमेशा ही जातीय समीकरण बिठाए। यह भी सच है कि जयललिता ने क्षत्रप राजनीति करने वाले अन्य नेताओ से खुद को दूर ही रखा। उन्होंने कभी राजनीतिक प्यास के लिए नितीश कुमार और लालू यादव की तरह मूल्यों को नजरअंदाज नहीं किया। जयललिता को अपने राज्य और वोटरों से सिर्फ वोट की मोहब्बत नहीं रही। उन्होंने राज्य के लोगों को सच में वो प्यार दिया जिसमें 'अम्मा' वाली खुशबू आती थी। तभी तो वो 6वीं बार मुख्यमंत्री भी बनीं। कहा ये भी जाता है कि अम्मा के नाम से मशहूर जयललिता को अपनी आलोचना पसंद नहीं आती थी लेकिन फिर भी लोगों ने प्यार दिया। उनके कार्यकर्ता और समर्थक उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं और जयललिता ऐसी श्रद्धा का बुरा नहीं मानतीं थीं। आयकर विभाग से लेकर विपक्षी पार्टियों तक से जयललिता परेशान हुईं । आलोचकों ने उनकी साड़ी से लेकर सैन्डल तक गिन लिए लेकिन जयललिता ने इसका न कभी बुरा माना और न कभी हार माना। और उनकी यही अदा शायद तमिलनाडु के लोगों को पसंद आ गई। भारतीय महिला समाज के लिए प्रेरणा बन चुकीं 'अम्मा' पिछले कई दिनों से अस्पताल में नई चुनौती से निपट रही थीं। दुखद, जयललिता इस दुनिया में  नहीं रहीं लेकिन वह अम्मा बन कर दिलों में राज करेंगी।         

15 साल की उम्र में अभिनय

जयललिता का जन्म एक ‍तमिल परिवार में 24 फरवरी, 1948 में हुआ और वो कर्नाटक के मेलुरकोट गांव में पैदा हुई। मैसूर में संध्या और जयरामन दंपति के ब्राह्मण परिवार में जन्मीं जयललिता की शिक्षा चर्च पार्क कॉन्वेंट स्कूल में हुई। जयललिता दो साल की थीं जब पिता का निधन हो गया. उनकी मां जयललिता को साथ लेकर बेंगलुरू चली गई थीं। वहां मां ने तमिल सिनेमा में काम करना शुरू कर दिया जब जयललिता स्कूल में पढ़ ही रही थीं तभी उनकी मां ने उन्हें फिल्मों में काम करने के लिए राजी कर लिया था। उनकी पहली फिल्म आई एक अंग्रेजी फिल्म ‘एपिसल’ । 15 साल की उम्र में तो उन्होंने कन्नड़ फिल्मों में अभिनेत्री का काम करना शुरू कर दिया था।

स्कर्ट पहन सबको चौंकाया

दिलचस्प ये है कि जयललिता उस दौर की पहली ऐसी अभिनेत्री थीं जिन्होंने स्कर्ट पहन कर भूमिका की जिसे उस दौर में बड़ी बात माना गया। उस जमाने के सबसे लोकप्रिय अभिनेता एम जी रामचंद्रन के साथ उनकी जोड़ी बहुत ही मशहूर हुई। 1965 से 1972 के दौर में उन्होंने अधिकतर फिल्में एमजी रामचंद्रन के साथ की। फिल्मी कामयाबी के दौर में उन्होंने 300 से ज़्यादा तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में काम किया।

दो लाख कर्मचारियों को किया था बर्खास्त

अपने राजनीतिक गुरु एम जी रामचंद्रन के साथ उनका दूसरा दौर राजनीति में शुरू हुआ। एमजी रामचंद्रन जब राजनीति में चले गए तो करीब दस साल तक उनका जयललिता से कोई नाता नहीं रहा लेकिन 1982 में एम जी रामचंद्रन उन्हें राजनीति में लेकर आए। जयललिता 1991 में  पहली बार मुख्यमंत्री बनीं। वह सख्ती से सरकार चलाने के लिए भी चर्चा में रहीं। 2001 में जब सरकारी कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी थी तो जयललिता ने एक साथ दो लाख कर्मचारियों को ही बर्खास्त कर हलचल मचा दी थी।

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