Thursday 8 September 2016

उसके ठुमकों से टूटती हैं बेड़ियां


जब वह मंच पर ठुमके लगाती है तो पीछे बैठे 'मर्द' घूरते रहते हैं, उस पर वो पैसे सिर्फ इसलिए लुटाते हैं ताकि वह झुके और उसके स्तन का ऊपरी हिस्सा दिख सके या फिर उस ब्रा की स्ट्रिप ही दिख जाए, जिसके लिए घंटों से 'मर्द' उतावले हैं। वह जब दुपट्टा उतार कर बेफिक्र हो डांस करती है तब मोबाईल से वीडियो बनाने वाले मंच के करीब पहुंच जाते हैं। दबंग तो उसको जानबूझकर छु भी लेते हैं। जी हां, ये वो 'मर्द' हैं जो बेटियों के पैदा होने से बेहतर अपनी बीवी को बांझ रखना समझते हैं। ये वही 'मर्द' हैं जिन्हें अपने बेटे के लिए बहू आयात करनी पड़ती है। इसी समाज ने उस ठुमके लगाने वाली सपना चौधरी को जिंदगी और मौत के बीच में लाकर पटक दिया था। दरअसल, उन्हें इसका अंदाजा भी नहीं होगा कि इस बंजर जमीं पर बेड़ियां तोड़ने वाली सपना जैसी बेटियां भी पैदा होती हैं। सपना सिर्फ रागिनी गाने वाली गायिका या डांसर ही नहीं है, वह हर बेड़ियों को अपने अंदाज में तोड़ने वाली महिला भी है। सपना ने उस खोखले समाज को अपने ठुमके पर नचाया, जिसमें बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक 'लड़की' के नाम पर हवस की लार टपका लेते हैं। सच तो यह है कि वहां के लोगों ने कभी न सपना को स्वीकारा और न ही उनके जैसी लड़कियों को, जो उनकी सोच से इतर बिंदास हो मंच पर आती हैं । जब समाज के ठेकेदारों को लग रहा था कि सपना समाज को गंदा कर रही हैं उसी दौर में उनके एक प्रशंसक ने ऐसे ही मजाक में पूछ लिया, अगर आपका पति आपको डांस करने से रोके तो क्या करेंगी? इस पर सपना ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, तब अपने पति नू छोड़ दूंगी और तुझसे ब्याह रचा लूंगी। सपना के इस जवाब ने एक ही झटके में तब उन आलोचकों को शांत कर दिया जो अब तक उनके मंच पर भड़काऊ डांस और गानों पर आंखें तो सेंक रहे थे लेकिन मुंह भी बिचका रहे थे। दरअसल, सपना को ऐसा ढोंगी समाज मंजूर नहीं है। वह अपने डांस की तरह बोल्ड और बेफिक्र रहना चाहती हैं। उन्हें यह नहीं परवाह की समाज क्या कहेगा? तभी तो एक इंटरव्यू में जब सपना से पत्रकार ने पूछा कि आप कैसी जिंदगी जीना पसंद करेंगी। इस पर उन्होंने तपाक से जवाब दिया, 'म्हारी जिंदगी का फंडा से,  जो भी अच्छा लाग्ये, करो। जो दिल नू सही लाग्ये, करो। जिंदगी का कोई भरोसा नहीं। एक-एक मिन्ट को एक-एक साल की तरह जियो। बस किसी ना दिल मत दुखाओ और अगर गलती से ऐसा हो तो माफी भी मांग लो। ' वाकई सपना ऐसी ही जिंदगी जीती आ रही हैं। जब सपना को पता चला कि उनके एक गाने से खास जाति का दिल दुख गया तब उन्होंने माफी भी मांग ली लेकिन जो समाज बेटियों को पचा नहीं पाता है वह भला सपना के माफीनामे को क्यों सुने? उनके खिलाफ कानून से लेकर सोशल मीडिया तक अभियान छेड़ा गया। मां की गाली, बहन की गाली, वेश्या  और न जाने क्या-क्या... सपना के बारे में कहा गया। जिस 'मोर' के लिए वह नाचती रहीं उसने भी सपना का साथ छोड़ दिया। वह क्या कोई भी महिला सबकुछ बर्दाश्त नहीं कर सकती है। ऐसे में उन्हें शायद आत्महत्या का रास्ता ही नजर आया। बहरहाल, उन्होंने यहाँ भी मौत को नचाया और जिन्दगी की जंग जीत ली है। उम्मीद है उन बेड़ियों को तोड़ने के लिए वो फिर तैयार हैं।

इसलिए आहत हैं लोग
सपना के रागिनी ' बावली जात चमारा की' गाने से हरिजन जाति के लोग आहत हैं। दरअसल, इसमें 'चमार' और 'बावला' शब्द का इस्तेमाल किया गया है। गांव की भाषा में चमार हरिजन को कहते हैं। जबकि बावला मतलब पागल होता है।


वह गाना भी सुन लीजिए, जो बन गई है सपना के गले की फांस



ये है सपना के लिए सभ्य समाज के लोगों के विचार
किराय की औरत अपनी ओकात भूल गई ।
-सपना पंडित कहिए चौधरी नहीं हरियाणा जाट बहुल क्षेत्र है हरियाणा में प्रसिद्ध होने तथा अपनी अश्लील हरकतो से जाटों को बदनाम करने के लिए सपना पंडित अपने नाम के साथ चौधरी शब्द लगाती है बावली जात चमारां की रागनी पंडित लखमी चंद ने बाबा भीमराव के और दलितों पिछड़े वर्ग के लोगों का अपमान करने के लिए लिखी थी इन दोनों पर मुकद्दमा दर्ज किया जाए

भददे कमेंट देखने के लिए https://www.youtube.com/watch?v=nSEe7NWlRXw लिंक के कमेंट में जाएं



यह है वह 'सॉलिड बॉडी' गाना, जिससे मशहूर हुईं सपना




इसके साथ यह जरूर पढ़ें - सबकी अपनी-अपनी भावना 

  http://deepak06154.blogspot.in/2016/01/blog-post.html

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