Saturday 2 July 2016

‘मौत की सेल्फी’ लेने का शौक क्यों?



कभी सेल्फी शौक हुआ करती थी। दायरा बढ़ा तो जुनून बनी और अब दुनियाभर में लोगों का पागलपन बनती जा रही है। जोखिम भरी जगहों पर एक क्लिक के जरिए हजारों लाइक्स की उम्मीद में युवा मौत के मुंह में समा रहे हैं। कानपुर में बीते दिनों सात बच्चे गंगा में डूबकर मर गए इसी सेल्फी के चक्कर में। कम से कम आप तो बचकर ही रहना।

सबसे आगे हम
- 49 मौतें हुईं साल 2014 में सेल्फी लेने के चक्कर में दुनियाभर में। सबसे ज्यादा 19 मौतें भारत में।
- 27 मौतें हुईं साल 2015 में सेल्फी के चक्कर में पूरी दुनिया में। इसमें आधी मौतें भारत में ही हुईं।
- भारत के अलावा अमेरिका और कनाडा क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं सेल्फी से हुई मौतों के मामले में।

युवा ही हैं चपेट में
- 21 साल है औसत उम्र सेल्फी लेने के चक्कर जान गंवाने वालों की। इसमें भी 75 फीसदी पुरुष थे।

मोबाइल से लगाव
27 सेकंड भी दूर नहीं रह पाते पुुरुष अपने मोबाइल से, महिलाएं 57 सेकंड की दूरी ही झेल पाती हैं।

ऐसा है नशा
10 लाख से ज्यादा सेल्फी ली जाती हैं दुनियाभर में 18 से 24 साल के युवाओं के बीच रोजाना।
05 करोड़ 84 लाख से ज्यादा तस्वीरें इंस्टाग्राम पर अपलोड हो चुकी हैं हैशटेग सेल्फी के साथ।
50 फीसदी कॉलेज पढ़ने वाले छात्र और 77 फीसदी छात्राएं अपनी सेल्फी स्नैपचैट पर अपलोड करते हैं।

हादसे या लापरवाही
- महाराष्ट्र के नागपुर की एक झील में सेल्फी लेने के बाद आधा दर्जन छात्र नदी में डूबे।
- ताजमहल के सामने जापानी पर्यटक सेल्फी लेने के दौरान सीढ़ियों पर फिसलकर घायल हुआ, बाद में मौत।
- अमेरिका के कैलिफोर्निया में बंदूक के साथ सेल्फी लेती महिला से दबा ट्रिगर, मौके पर मौत।
- बुल्गारिया में बुल रन के दौरान सांडों के साथ सेल्फी लेने की कोशिश में गई युवक की जान।

कोशिश
मुंबई पुलिस ने शहर भर में एक दर्जन से ज्यादा जगहों को नो सेल्फी जोन घोषित कर दिया है।

13 सितंबर 2002 को पहली बार ऑस्ट्रेलियाई इंटरनेट फोरम में सेल्फी शब्द का उपयोग हुआ था।
सेल्फी के साथ अब वेल्फी शब्द भी लोकप्रिय हो रहा है। इसमें फोटो की जगह वीडियो रिकॉर्ड किया जाता है।
सेल्फी खींचने के लिए बाजार में सेल्फी स्टिक भी मौजूद हैं। एंड्रायड उपभोक्ताओं के लिए ब्लूटूथ सेल्फी स्टिक भी आ गई है।

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