Saturday 16 July 2016

संघर्ष की कहानी रितु रानी


जब आप बतौर कप्तान अपनी टीम को एक नए मुकाम पर ले जाते हों और उस मुकाम को सही दिशा देने की बारी आए तब आपकी कप्तानी छिन ली जाए, इससे बड़ी नाइंसाफी क्या हो सकती है। यही अन्याय भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रहीं रितु रानी के साथ हुआ है। दरअसल, रितु रानी को रियो ओलंपिक टीम से बाहर कर दिया गया है।  रितु 2011 से भारतीय टीम की कमान संभाल रही थीं और उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि ये रही कि उन्हीं के नेतृत्व में महिला टीम ने 36 साल बाद ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया लेकिन अब अनुशासनहीनता और उनके फॉर्म को कारण बताकर टीम से बाहर कर दिया गया है।
रितु का आरोप है कि उनके साथ बेवजह ऐसा किया गया और वह राजनीति का शिकार हुई हैं। बहरहाल,  पीछे की कहानी क्या है, इस बारे में कुछ कह पाना बहुत मुमकिन नहीं है। वैसे ये भी दिलचस्प है कि करीब दो महीने पहले ही हॉकी इंडिया की ओर से रितु को 'अजीत पाल सिंह मिडफिल्डर अवॉर्ड' से नवाजा गया। साथ ही अर्जुन अवार्ड के लिए उनका नाम भेजा गया । यही नहीं कुछ ही दिन पहले जब पीएम नरेंद्र मोदी ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों से मिले तो उसमें भी रितु शामिल थीं और फिर अचानक इस फैसले ने लोगों को हैरान कर दिया है। सोशल मीडिया पर भी रितु के समर्थन में एक अभियान चल रहा है।  29 दिसंबर 1991 को हरियाणा में जन्मी रितु रानी ने अपनी पढ़ाई श्री गुरु नानक देव सीनियर हाइयर सकेंड्री स्कूल से की थी। महज 12 साल की उम्र में रितु ने शाहाबाद मारकंडा के शाहबाद हॉकी अकादमी में हॉकी के गुर सिखकर भारतीय महिला हॉकी के लिए इतिहास लिखने के लिए अपनी शुरुआत का आगाज किया था।  14 साल की उम्र में हॉकी की यह दिग्गज खिलाड़ी भारत की सीनियर टीम में शामिल हो गई थीं और साथ ही 2006 मैड्रिड में हुए वर्ल्ड कप में सबसे युवा खिलाड़ी के रूप में टीम का हिस्सा थीं। इसके बाद रितु रानी ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और 2009 में रूस में आयोजित चैंपियन चैलेंजर्स में भारत के लिए सबसे ज्यादा गोल जमाने वाली खिलाड़ी के तौर पर उभरी थीं। रितु रानी के इस बेहतरीन परफॉर्मेंस का ही कारण था कि भारत की महिला टीम ने चैंपियन चैंलेंजर्स का खिताब अपने नाम कर लिया था। वह अद्भूत प्रतिभा के कारण साल 2011 में भारतीय महिला टीम की कप्तान बनीं। रितु रानी के नेतृत्व में भारत की महिला टीम ने कई रिकॉर्ड अपने नाम िकए ।  2013 में कुआलालम्पुर में हुए एशिया कप में ब्रांज मेडल सहित 2014, इंचियोन में एशियन गेम्स में ब्रांज मेडल हासिल कर भारत की टीम ने भारतीय महिला हॉकी को भारतीय प्रशंसकों के दिल में जगह बनाने में कामयाब रही थीं। पांच फुट दो इंच लंबी रितु रानी के करियर में सबसे एतिहासिक समय तब आया जब उनकी कप्तानी में भारतीय महिला टीम ने लगभग 36 साल बाद ओलंपिक में शामिल हुई है जो इस हॉकी खिलाड़ी के योगदान को अमर कर जाता है। रितु रानी ने अब तक 213 मैच भारतीय महिला टीम के लिए खेल चुकी हैं




हर्ष को बनाया हमसफर
इसी एक जुलाई को पटियाला के पंजाबी गायक हर्ष शर्मा उर्फ हैश से रितु रानी ने सगाई की थी। दोनों ने ओलिंपिक के बाद शादी करने का फैसला किया है। हर्ष शर्मा पटियाला के रहने वाले हैं। उनकी मां पूनम बाला पटियाला में एनआईएस (स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) में हॉकी कोच हैं। रितु 2014 तक रेलवे की खेल कोटे से रेलवे की कर्मचारी रहीं और 2014 में उन्होंने हरियाणा पुलिस ज्वाइन किया।

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