अगर आपसे कोई सवाल पूछे - ऐसा क्या है जो अनिल कुंबले को सबसे ज्यादा सम्माननीय और प्रेरणादायी भारतीय खिलाड़ी की पहचान दिलाता है? विकल्प हैं - फिरोजशाह कोटला में 74 रन देकर दस विकेट लेना? या वह नेतृत्व- जो विवादास्पद 'मंकीगेट' सीरीज के दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में दिया था? या वह एकाग्रता - जिसमें मैच फिक्सिंग के दौर में भी कुंबले ने अपने क्रिकेट जीवन का बेस्ट परफॉर्मेंस दिया। या वह जज्बा- जो उन्होंने एंटीगा (2002) में जबड़ा टूटा होने के बावजूद गेंदबाजी करते हुए दिखाया था? तो जवाब है: ऊपर दिए ये सभी। लंबे समय तक मूंछे रखने और सज्जन से दिखने वाले कुंबले ने इंजीनियरिग की पढ़ाई की है। वह मैदान के बाहर भी और अंदर भी किसी इंजीनियर सरीखे ही दिखते हैं, सीधे और भोले से। चेहरे से भोले दिखने वाले अनिल कुंबले बतौर गेंदबाज कितने 'दबंग' रहे हैं?, जिन्होंने उनके सामने बल्लेबाजी की है, वो सब समय - समय पर बताते रहे हैं। कुंबले के रिकॉर्ड और उनकी शख्सियत के बारे में क्रिकेट की समझ रखने वाला हर इंसान जानता है लेकिन बहुत कम लोग इस रोचक तथ्य को जानते होंगे कि 6.2 इंच के अनिल के नाम के साथ लगा 'कुंबले' उनकी जाति नहीं बल्कि गांव का नाम है। बंगलोर में जन्में, कुंबले को कम उम्र से ही क्रिकेट में रूचि पैदा हो गई थी। वह बी एस चंद्रशेखर जैसे क्रिकेटरों का खेल देखते हुए बडे हुए। कुंबले का वैवाहिक जीवन भी बेहद ही दिलचस्प रहा है। उनका दिल तलाकशुदा चेतना पर आया। चेतना की पहले पति से एक बेटी आरुनी भी थी लेकिन कुंबले ने उसे हाथों हाथ लिया और 1999 में शादी कर ली। शादी के बाद उनके दो बच्चे, बेटा मायस कुंबले और बेटी स्वास्ती हुए। कुंबले ने अपने सम्मान और त्याग को टीम और परिवार के हित से ऊपर कभी नहीं रखा। जब जरूरत पड़ी तो उन्होंने पत्नी चेतना के लिए उनके पहले पति से कानूनी लड़ाई भी लड़ी । यह लड़ाई बेटी को हासिल करने की थी। कुंबले ने इस लड़ाई में चेतना का हर कदम पर साथ दिया और उनकी शख्सियत के मुताबिक उन्हें जीत भी मिली। कोई यह कैसे भूल सकता है जब वेस्टइंडीज में भारत का मैच हो रहा था। उस वक्त कुंबले को पहले कहा गया कि वो मैच में खेल रहे हैं, फिर कहा गया कि नहीं खेल रहे हैं, फिर दोबारा से कहा गया कि खेल रहे हैं। कुंबले जिंक का पेंट लगाकर मैदान का चक्कर काट रहे थे। आख़िरकार जब टीम की घोषणा हुई तो उसमें कुंबले का नाम नहीं था। एक सीनियर खिलाड़ी के साथ इस तरह का बर्ताव हुआ, लेकिन जब भारत टेस्ट मैच जीत गया तो सबसे अधिक खुश जो खिलाड़ी था वो थे अनिल कुंबले। उस वक्त वो अपने कैमरे से पूरी टीम की खुशी मनाते हुए फोटो खींच रहे थे। कुंबले के साथ यह हरकत कप्तान सौरव गांगुली ने की थी फिर भी वह कुंबले को 'जेंटलमैन' कहते हैं क्योंकि उन्होंने कभी निजी मनमुटाव को सामने नहीं आने दिया। हां, एक बार हुआ था कुछ ऐसा जब 2001 में अपनी कंधे की सर्जरी के बाद से कुंबले खराब दौर से गुजर रहे थे। 2003-04 की ऑस्ट्रेलिया सीरीज के ब्रिसबेन टेस्ट के लिए गांगुली ने जो अंतिम 11 खिलाड़ी तय किए, उसमें कुंबले को बाहर कर हरभजन को शामिल किया। पहले दिन का खेल खत्म होने के बाद जब टीम होटल पहुंची तो गांगुली अपने परिवार के साथ हो लिए लेकिन शाम को ही कुंबले ने उनके कमरे का दरवाजा खटखटाया और बोले, 'मैं इस टेस्ट के खत्म होते ही संन्यास लेना चाहता हूं और जल्द से जल्द घर वापस जाना चाहता हूं।' गांगुली के पैरों तले जमीन खिसक गई थी। वह कुछ पल के लिए कुंबले का चेहरा देखते रह गए। आखिर उन्होंने भीतर से अपनी पत्नी डोना को बुलवाया और मिस्टर परफेक्ट कुंबले को समझाने को कहा। और संयोग देखिए, हरभजन की उस टेस्ट में अंगुली टूट गई और उन्हें सर्जरी करानी पड़ी। बाकी सीरीज के लिए कुंबले टीम में आए और उन्होंने अगले तीन टेस्ट में 24 विकेट लिए।
प्रोफाइल
अनिल कुंबले
मुख्य भूमिका - लेग स्पिनर
क्रिकेट करियर
फॉर्मेट मैच रन विकेट बेस्ट 100 50 इकोनॉमी 4 5ू 10 (विकेट)
टेस्ट -132 2506 619 10/74 1 5 29.65 31 35 8
वनडे - 271 938 337 6/12 0 0 30.89 8 2 0
टी 20 - 54 46 57 5/5 0 0 24.36 2 1 0 (आईपीएल में )
टेस्ट डेब्यू : इंग्लैंड बनाम भारत (अगस्त 1990, मैनेचेस्टर )
आखिरी टेस्ट : भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (अक्तूबर 2008, दिल्ली)
वनडे डेब्यू : भारत बनाम श्रीलंका (अप्रैल 1990, शारजाह )
आखिरी वनडे : भारत बनाम बरमूडा (मार्च 2007, पोर्ट ऑफ स्पेन )
जज्बे की मिसाल
कुंबले न सिर्फ अपनी बेहतरीन गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं बल्कि उनको संघर्षशील खिलाड़ी के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा ही एक वाकया 2002 में टीम इंडिया के वेस्टइंडीज दौरे पर एंटीगुआ टेस्ट के दौरान देखने को मिला जब जबड़ा टूटने के बावजूद टीम की जरूरत को देखते हुए पूरे चेहरे पर पट्टी बांधकर वह मैदान पर उतरे और विपक्षी टीम के सबसे मजबूत खिलाड़ी ब्रायन लारा का महत्वपूर्ण विकेट भी टीम के लिए हासिल किया।
प्रोफाइल
अनिल कुंबले
मुख्य भूमिका - लेग स्पिनर
क्रिकेट करियर
फॉर्मेट मैच रन विकेट बेस्ट 100 50 इकोनॉमी 4 5ू 10 (विकेट)
टेस्ट -132 2506 619 10/74 1 5 29.65 31 35 8
वनडे - 271 938 337 6/12 0 0 30.89 8 2 0
टी 20 - 54 46 57 5/5 0 0 24.36 2 1 0 (आईपीएल में )
टेस्ट डेब्यू : इंग्लैंड बनाम भारत (अगस्त 1990, मैनेचेस्टर )
आखिरी टेस्ट : भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (अक्तूबर 2008, दिल्ली)
वनडे डेब्यू : भारत बनाम श्रीलंका (अप्रैल 1990, शारजाह )
आखिरी वनडे : भारत बनाम बरमूडा (मार्च 2007, पोर्ट ऑफ स्पेन )
जज्बे की मिसाल
कुंबले न सिर्फ अपनी बेहतरीन गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं बल्कि उनको संघर्षशील खिलाड़ी के रूप में भी जाना जाता है। ऐसा ही एक वाकया 2002 में टीम इंडिया के वेस्टइंडीज दौरे पर एंटीगुआ टेस्ट के दौरान देखने को मिला जब जबड़ा टूटने के बावजूद टीम की जरूरत को देखते हुए पूरे चेहरे पर पट्टी बांधकर वह मैदान पर उतरे और विपक्षी टीम के सबसे मजबूत खिलाड़ी ब्रायन लारा का महत्वपूर्ण विकेट भी टीम के लिए हासिल किया।
Good article
ReplyDeletethnaku
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