Friday 10 June 2016

पाखंड से लागी छूटे ना..



 हाल ही में एक विदेशी पर्यटक भारत भ्रमण पर आया। यहां के अपने अनुभवों को साझा करते हुए पर्यटक ने ब्लॉग में लिखा कि इस देश में लोग पाखंडी बाबाओं की कितनी भी आलोचना क्यों न कर लें लेकिन बिरले ही होंगे जो गेरुआ या दूसरे धार्मिक लिबास देखकर शीश न नवा दें। पर्यटक के इस ब्लॉग ने भारत में पाखंडी बाबाओं के प्रति लोगों के अटूट भरोसे को आईना दिखाने का काम किया है।


‘डीजल की कीमत एक रुपये में 60 लीटर हो, ‘देश में सोने के सिक्कों का प्रचलन शुरू हो, ‘भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चुनाव रद्द किया जाए’ यह किसी कॉमेडी फिल्म का डायलॉग नहीं है, यह खुद को धर्मगुरु बाबा जय गुरुदेव का उत्तराधिकारी बताने वाले उनके शिष्य रामवृक्ष यादव की मांगें थीं। रामवृक्ष ने जय गुरुदेव की अरबों की विरासत के लिए समर्थन नहीं मिलने पर अलग गुट बना लिया था। खास बात यह है कि उसे हजारों लोगों का समर्थन भी था। कोई उसमें अपना भगवान देख रहा था तो कोई उसे अपना शुभचिंतक मान रहा था। रामवृक्ष जैसे खलनायक में अपने नायक को देखने और उसकी रक्षा करने के इस उन्माद में सिटी एसपी सहित कईयों की जान भी गई।  ऐसे खलनायकों की पोल पट्टी भी खुल जाती है बावजूद इसके लोगों की आस्था बरकरार रहती है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण रेप के आरोप में जेल में बंद आसाराम हैं। आसाराम पर रेप, मर्डर सहित कई संगीन आरोप लगे हैं। इसके बावजूद भी वर्तमान में आसाराम के भारत और विदेश में 350 आश्रम और 17,000 बाल संस्कार केंद्र हैं। यही नहीं जमानत के लिए संघर्ष कर रहे आसाराम की जब भी पेशी होती है तब उनके समर्थकों की भीड़ कोर्ट के बाहर मौजूद रहती है। इस भीड़ में पुरुषों के साथ - साथ महिलाएं भी मौजूद होती हैं। आस्था ऐसी है कि आज भी कई घरों में दिवारों पर लटकते आसाराम के प्रवचन की कैलेंडर और उसको अगरबत्ती दिखाकर पूजा करते तथाकथित ज्ञानी लोग मिल जाएंगे। इसी तरह अपनी 'कृपा' के कारण चर्चा में आए निर्मल आनंद के प्रति भी लोगों का अटूट विश्वास कायम है। कभी समोसे तो कभी गोलगप्पे के जरिए लोगों की समस्याओं का समाधान करने वाले निर्मल आनंद के इस 'कृपा'का जब डीएनए टेस्ट हुआ तो उसमें वह फेल हो गए और जालसाजी का केस भी चला। लेकिन अपने भक्तों के दरबार में वह आज भी सौ फीसदी नंबर से पास हैं। कृपा के इस कारोबारी के समागम में भीड़ बरकरार है। आए दिन चैनलों पर निर्मल आनंद अपने भक्तों पर कृपा बरसाते नजर आ ही जाते हैं।
एक अन्य संत भीमानंद उर्फ इच्छाधारी बाबा ने देश का सबसे बड़ा सेक्स रैकेट पैदा करने वाले बाबा के रूप में सुखिर्यां बटोरीं। वह देश की राजधानी में गुफाओं और तहखाने से सेक्स रैकेट चलाता रहा और कानून को भनक तक न लगी। ऐसे ही एक धर्माचार्य हैं आचार्य कृपालु महाराज। 91 साल के कथित धर्माचार्य कृपालु जी महाराज पर भी कई संगीन आरोप लगते रहे हैं। लड़कियों का अपहरण और रेप के आरोप में कृपालु जी महाराज जेल भी जा चुके हैं। दुनिया में कई जगहों पर आश्रम खोल लोगों को संयम का पाठ पढ़ाने वाले कृपालु महाराज को अमेरिकी अदालत ने भी नाबालिग के यौन शोषण का दोषी पाया। अमेरिका में ये गिरफ्तार भी किए गए। ऐसे तथाकथित गुरुओं की चर्चा के दौरान कोई स्वामी नित्यानंद को कैसे भूल सकता है। स्वामी नित्यानंद महानिर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर भी बना दिए गए लेकिन उनका असली चेहरा भला कौन भूल पाया है। चाहे वह दक्षिण भारतीय अभिनेत्री के साथ की उनकी तस्वीरें हों या फिर एक एनआरआई महिला की तरफ से लगाए गए यौन शोषण के आरोप। इतना ही नहीं एक पुरुष अनुयायी भी इस स्वामी पर यौन शोषण का आरोप लगा चुका है। इसी कड़ी में सत्य साईं बाबा का नाम भी जुड़ जाता है। 40 हजार करोड़ रुपये का आध्यात्मिक साम्राज्य बनाने वाले सत्यसाईं बाबा पर भक्तों को सम्मोहित करके उनका यौन शोषण करने के आरोप लगे। कई समूहों ने यह भी आरोप लगाए कि सत्‍य साईं बाबा तिकड़म और हाथ की सफाई दिखाते हैं। आरोप सामान्य शारीरिक संबंधों के अलावा समलैंगिक गतिविधियों के भी लगे और कुछ भक्तों का कहना रहा कि उन्हें मोक्ष दिलाने के बहाने उनके साथ शारीरिक संबंध बनाए गए।  एक ब्रिटिश लेखक टाल ब्रोक ने सत्य साईं बाबा को 'सेक्स का भूखा भेड़िया' करार दिया था लेकिन सत्य साईं बाबा के निधन के बाद सचिन तेंदुलकर जब पत्नी अंजली के साथ पुट्टपर्थी पहुंचे थे तो उनके शव के पास बैठकर देर तक रोते रहे थे। सत्य साईं की वीआईपी भक्तों की फेहरिस्त बहुत लंबी हैं। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हाराव, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, बीएचपी के अशोक सिंधल और आरएसएस के सभी बड़े नेता उनके दरबार में जाते थे। तेंदुलकर से लेकर बच्चन तक या फिर अंबानी ही क्यों न हों, इन बड़े लोगों ने जाने-अनजाने में इस अंधविश्वास को बल दिया है।  ऐश्वर्या राय की शादी के समय अमिताभ बच्चन का ग्रह-नक्षत्रों को खुश करने के लिए मंदिरों का दौरा करते थे तो अंबानी बंधुओं में दरार पाटने के लिए मोरारी बापू को अहमियत मिली। आए दिन चुनाव जीतने के लिए बाबाओं के चक्कर लगाते हमारे दिग्गज नेता भी दिख ही जाते हैं वहीं फिल्म हिट होने के लिए चादर चढ़ाने वाले एक्टर्स भी कम नहीं हैं। मतलब साफ है कि जो जितना समृद्ध है वह उतना ही अंधविश्वासी भी है और फिर समृद्धि के पीछे भागने के लिए मध्यम और निम्म वर्ग  भी तैयार है। इसलिए इन बाबाओं के पौ-बारह हैं। फिर क्यों न निर्मल बाबा डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को खीर खाने की सलाह देंगे। आखिर हमारी मानसिकता ही तो ऐसे तथाकथित चमत्कारियों को समृद्ध बना रही हैं।


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विवादों के लिए सुर्खियों में
रहे बाबाओं की कहानी


आसाराम :

आसाराम का मामला तो जगजाहिर है। स्‍वयंभू संत आसाराम पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगे हैं। उनके ही आश्रम में पढ़ने वाली एक नाबालिग लड़की ने आसाराम पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। लड़की ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा कि आसाराम ने उसके साथ जोधपुर के आश्रम में दुर्व्यवहार किया। फिलहाल आसाराम जेल में हैं और उन पर केस चल रहा है। आसाराम का आश्रम अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे है। श्रद्धालु यहां योग और अध्‍यात्‍म के लिए आते हैं। 2008 में इस आश्रम के गुरुकुल में पढ़ने वाले दो छात्रों की संदिग्‍ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। ये दोनों छात्र 4 जुलाई 2008 से लापता थे। आश्रम पर जादू-टोना के लिए उनकी हत्‍या करने का आरोप लगा था।

गुरमीत राम रहीम :
डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की भक्ति का साम्राज्य देश ही नहीं विदेश तक फैला हुआ है और यही वजह है कि आस्था की दुनिया से लेकर राजनीतिक के संसार तक बाबा राम रहीम का जलवा बरसों से बरकरार है। इतना सब कुछ होने के बाद भी डेरा प्रमुख का नाम विवादों से अछूता नहीं है। राम रहीम पर अपने आश्रम की साध्वियों के साथ बलात्कार करने के आरोप लगे थे। सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और डेरा के पूर्व मैनेजर रणजीत सिंह की हत्या में भी बाबा राम रहीम का हाथ होने का आरोप लगा है। हत्या और बलात्कार के इन मामलों की जांच सीबीआई कर रही है और बाबा राम रहीम इन केसों में जमानत पर हैं लेकिन खुद बाबा इन सारे आरोपों से साफ इनकार करते हैं। यही नहीं 2007 में एक बार उन्‍होंने सिखों के दसवें गुरु की तरह वेशभूषा धारण कर नया विवाद पैदा कर दिया था, इसके विरोध में पंजाब में भारी हिंसा हुई थी।


सत्य साईं बाबा :
जीवन भर विवादों में रहे सत्य साईं बाबा खुद को शिरड़ी के साईं बाबा का अवतार बताते थे, लेकिन झूठे 'चमत्कार', यौन शोषण और यहां तक कि समलैंगिक होने के आरोपों से जुड़े कई गंभीर विवादों में उनका नाम भी खूब उछला था। उन पर सत्य साईं बाबा ट्रस्‍ट को दान में मिली 40,000 करोड़ रुपये की धनराशि की हेराफेरी के आरोप भी लगाए गए थे। 6 जून 1993 को सत्‍य साईं बाबा के पुट्टापर्थी के प्रशांति निलयम आश्रम का नाम उस समय विवादों में आया जब पुलिस ने चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद बाबा के बेडरूम में चार श्रद्धालुओं को चाकू मारा गया था। अप्रैल, 2011 में सत्‍य साईं बाबा की मृत्यु हो गई।

स्वामी नित्यानंद :

दुनियाभर में 1,000 शाखाओं का दावा करने वाले नित्यानंद मिशन के संस्थापक स्वामी परमहंस नित्‍यानंद किसी समय काफी लोकप्रिय थे, लेकिन एक अभिनेत्री के साथ सेक्स स्केंडल में उनका नाम आने के कारण वे सुर्खियों में आए। इसके लिए उन्‍हें कुछ दिन के लिए जेल भी जाना पड़ा था। वे अपने अनुयायियों को दक्षिण की अभिनेत्री रणजीता के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखे थे। नित्‍यानंद के के खिलाफ कई मामले अभी भी लंबित हैं।
चंद्रास्‍वामी :
तांत्रिक चंद्रास्‍वामी को कई दिग्‍गज राजनेताओं और पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्‍हा राव का बेहद करीबी माना जाता था। नब्बे के दशक में चंद्रास्वामी उर्फ नेमीचंद जैन का दबदबा सभी मानते थे। सियासत के टॉप पर भी इनका तगड़ा प्रभाव था। कई राजनेताओं के यह आध्यात्मिक गुरु माने जाते थे। चंद्रास्‍वामी पर भारी वित्‍तीय अनियमितताओं का आरोप है। यही नहीं, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्‍या में भी चंद्रास्‍वामी का हाथ होने का संदेह है। इनके आश्रम पर आयकर विभाग के एक छापे में एक हथियार डीलर को भुगतान करने का सबूत मिला था। सीबीआई ने इनका पासपोर्ट जब्त कर लिया है और वह पिछले कई वर्षों से इसे वापस पाने के लिए कोशिशें कर रहे हैं

निर्मल बाबा :

विवादों में नाम आने वाले ऐसे की एक और आध्‍यात्मिक गुरु हैं निर्मलजीत सिंह नरूला उर्फ निर्मल बाबा। अप्रैल 2012 में इनके खिलाफ उत्‍तर प्रदेश में फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया था। निर्मल बाबा पर सैकड़ों करोड़ रुपए की संपत्ति इकट्ठी करने का भी आरोप है। पिछले साल झारखंड में अपने प्रवचन के दौरान उन पर एक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि निर्मल बाबा लोगों को लूट कर अपनी जेब भरने का काम कर रहे हैं। उस व्यक्ति का आरोप था कि निर्मल बाबा ने उसे भी उपाए बताकर पैसे ऐंठे थे। वहीं बाबा के दो खातों में करीब 109 करोड़ रुपए जमा हैं का आरोप भी लगा था जो कि उन्होंने धोखाधड़ी से कमाए थे।
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