Friday 29 April 2016

'मैं तुम्हें अपना 5 सेकेंड भी क्यों दूं'


जिन लोगों ने शाहरुख खान की हालिया फिल्म फैन को देखी है, वह इस डायलॉग से बखूबी वाकिफ होंगे। दरअसल, फिल्म में प्रशंसक गौरव अपने हीरा आर्यन खन्ना से बेइंतहा मोहब्बत करता है लेकिन जब उसकी मुलाकात आर्यन से होती है तो वह एक ही झटके में गौरव के संजोए अरमानों को कूचल देता है। ये सच गौरव पचा नहीं पाता और फिर फिल्म में एक्‍शन, ड्रामा शुरू हो जाता है। बहरहाल, शाहरुख की फिल्म फैन की कमाई को देखें तो लगता है कि दर्शकों ने भी उनके लिए यही "डायलॉग" चेप दिया है।  फिल्म फैन ने पहले हफ्ते में सिर्फ 71 करोड़ रुपये की कमाई की। अहम बात यह रही कि सौ करोड़ को छूने में यह फिल्म पूरी तरह हांफ गई।  शाहरुख जैसे बड़े सितारे की फिल्म हफ्ते भर में भी सौ करोड़ के आंकड़े को पार नहीं कर सके तो यह हैरानी की बात है।  शाहरुख की फिल्म से पहले वीकेंड में 100 करोड़ और दूसरे वीकेंड में 150 से 200 करोड़ की कमाई की उम्मीद की जाती है लेकिन उनकी पिछली कई फिल्मों के साथ इसका उलट हुआ।   तो क्या यह मान लिया जाए कि शाहरुख का स्टारडम खतरे में है ? या फिर शाहरुख की एक्टिंग में धार नहीं दिख पा रही है ? इसमें कोई दो राय नहीं कि शाहरुख की पहचान सिर्फ बादशाह या किंग जैसे नामों से नहीं है बल्कि उन्हें बॉलीवुड को रोमांस का पाठ पढ़ाने वाले दिलवाले के रूप में भी जाना जाता है। लेकिन एक सच यह भी है एक खास वर्ग को शाहरुख की व्यक्तिगत छवि बाकी के दोनों खानों यानी सलमान और आमिर से कहीं ज्यादा घृणित करती है। यह भाव आमिर और सलमान के खिलाफ भी है लेकिन उनके साथ बीइंग ह्यूमन और सत्यमेव जयते का तमगा भी जुड़ा रहा। लेकिन शाहरुख की त्रासदी ही है कि वह आमिर और सलमान की तरह खुद को कभी बतौर समाजसेवी प्रस्तुत भी नहीं कर सकें।  वर्ना उनका कैरियर सही मायने में संघर्ष करने वाले लोगों को प्रेरित कर सकता है क्योंकि वह किसी फिल्मी परिवार से नहीं आते बल्कि एक साधारण से परिवार का संघर्ष हैं।  हालांकि सिर्फ इस आधार पर हम शाहरुख के कैरियर की गिरावट की समीक्षा नहीं कर सकते।  सच यह है कि शाहरुख की एक्टिंग में भी गिरावट आई है। जो शाहरुख सिग्नेचर पोज देकर दर्शकों को बांहों में समेट लेते थे वह जादू अब खत्म सा हो गया है। ऐसा लगता है कि अब यह सब बनावटीपन है। इसके इतर आमिर और सलमान ने अपनी एक्टिंग को उम्र के साथ निखारा भी है और अब एक्टिंग में मैच्योरिटी सी दिखती है। और यही वजह है कि आंकड़े इन दोनों के पक्ष में हैं। बहरहाल, शाहरुख खान की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस है। उनकी पिछली फिल्में कलेक्शन में लगातार पिछड़ रही हैं।  2013 में ईद पर रिलीज हुई चेन्नई एक्सप्रेस ने 227 करोड़ की कमाई की थी। 2014 में शाहरुख ने अपनी फेवरेट रिलीज डेट दिवाली पर हैप्पी न्यू ईयर से वापसी की। इस फिल्म ने पहले दिन 45 करोड़ और पहले सप्ताह में 109 करोड़ की कमाई की लेकिन बाद में ये फिल्म 203 करोड़ के कलेक्शन पर सिमट गई। बीते साल क्रिसमस पर रिलीज हुई दिलवाले तो महज 148 करोड़ की कलेक्शन के साथ 150 करोड़ का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई।   वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी आमिर खान और सलमान खान तीन सौ करोड़ के आंकड़े अर्जित कर रहे हैं लेकिन शाहरुख दो सौ करोड़ तक भी पहुंच नहीं पाते। कमाई के आंकड़े को देखें तो आमिर खान की फिल्म पीके 340 और सलमान खान की फिल्म बजरंगी भाईजान 320 करोड़ की कमाई कर चुकी है लेकिन शाहरुख खान की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस थी। उनकी पिछली फिल्में कलेक्शन में लगातार पिछड़ रही हैं।  2013 में ईद पर रिलीज हुई चेन्नई एक्सप्रेस ने 227 करोड़ की कमाई की थी। 2014 में शाहरुख ने अपनी फेवरेट रिलीज डेट दिवाली पर हैप्पी न्यू ईयर से वापसी की। इस फिल्म ने पहले दिन 45 करोड़ और पहले सप्ताह में 109 करोड़ की कमाई की लेकिन बाद में ये फिल्म 203 करोड़ के कलेक्शन पर सिमट गई। बीते साल क्रिसमस पर रिलीज हुई दिलवाले तो महज 148 करोड़ की कलेक्शन के साथ 150 करोड़ का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाई।



सारे हथकंडे अपनाए फिर ‌भी पिट गए
यह भी सच है कि शाहरुख ने अपनी फिल्म फैन के लिए सभी तरह के हथकंडे भी अपनाए।   फिल्म फैन की रिलीज से पहले शाहरुख खान और उनके प्रशंसकों के ऊपर काफी दबाव भी था। यही वजह थी कि रिलीज से पहले शाहरुख खान के प्रशंसकों ने ट्विटर पर 'फैन' को दो हफ्ते तक ट्रेंड बनाए रखा तो कई शहरों में फिल्म के फैंस स्पेशल शोज की भी खबर आई। यही नहीं किंग खान ने भी फिल्म को प्रमोट करने में अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी। शाहरुख ने  पहली बार फिल्म में उनकी परफॉर्मेंस के लिए बधाई देने वाले तमाम फिल्म स्टार्स के ट्वीट को रीट्वीट भी किया। इसके अलावा किंग खान ने पहली बार फेसबुक और ट्विटर पर वीडियो पोस्ट कर अपने फैंस को फिल्म देखने के लिए शुक्रिया कहा। शाहरुख ने मेकिंग ऑफ शाहरुख टू गौरव और फिल्म के शूट के कुछ वीडियो भी पोस्ट किए। कुछ जानकारों का कहना है कि फिल्म फैन के अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाने की एक ही वजह है कि ऑडियंस ने फिल्म को पसंद नहीं किया। फिल्म को लेकर एक राय यही है कि फर्स्ट हाफ अच्छा है लेकिन इंटरवल के बाद लोगों को बड़ा अटपटा लगा, इसलिए फिल्म की कमाई कम हो गई। हालांकि कोमल नाहट जैसे फिल्म जानकारों का कहना है कि यह कहना गलत होगा कि शाहरुख का स्टारडम खत्म हो गया है। फिल्म को लोग खराब बता रहे हैं लेकिन शाहरुख के काम को कोई खराब नहीं बता रहा। वहीं ट्रेड एनलिस्ट गिरीश जौहर ने ट्वीट किया कि फिल्म में शाहरुख खान की अच्छी परफॉर्मेंस होने के बावजूद फैंस ने फिल्म को इसलिए पसंद नहीं किया क्योंकि यह अच्छी नहीं लिखी गई थी। इसके अलावा इसमें कुछ भी एक्साइटिंग नहीं लगा।


रईस की राह आसान नहीं
शाहरुख के सामने सबसे बड़ा संकट अपनी आगामी फिल्‍म रईस को लेकर है। किंग खान अपने होम प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले बनी इस फिल्म की रिलीज डेट इस साल ईद पर एलान कर चुके हैं। वहीं आदित्य चोपड़ा के बैनर की सलमान खान स्टारर सुल्तान भी ईद पर रिलीज होगी। सलमान और आदित्य दोनों ही शाहरुख के खास हैं। ईद के बाद 15 अगस्त पर ऋतिक रोशन की फिल्म मोहनजोदड़ो और अक्षय कुमार की रुस्तम, दो अक्तूबर को विशाल भारद्वाज की रंगून, दिवाली पर अजय देवगन की 'शिवाय' और करण जौहर की 'ए दिल है मुश्किल' और क्रिसमस पर आमिर खान की दंगल रिलीज होगी। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि किंग खान रईस को आगे बढ़ा कर किससे पंगा लेंगे।

बच्चे से भी मिली शिकस्त
फिल्म जानकारों का मानना है कि शाहरुख की फिल्म फैन 'द जंगल बुक' से हार गई है। फिल्म 'द जंगल बुक'  में मोगली (नील सेठी) का  किरदार दर्शकों को खूब पसंद आ रहा है।  यह 2016 में भारत की सबसे बड़ी हिट साबित हुई है। अभी तक ‍किसी भी भारतीय फिल्म ने इस साल इतनी कमाई नहीं की है। यह ब्लॉकबस्टर फिल्म अब तक 133 करोड़ रुपये कमा चुकी है। अब यह कमाई 'एयरलिफ्ट' से ज्यादा है। तीसरे हफ्ते में भी कमाई की रफ्तार तेज है।  दस दिन पहले ही इसने 100 करोड़ क्लब में एंट्री ली थी। यह अपने पहले हफ्ते में ही 74 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने में कामयाब हो गई थी। 'द जंगल बुक' भारत में आठ अप्रैल को चार भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी, तमिल और तेलुगु में रिलीज हुई।  बता दें कि जॉन फेवरू की फिल्म 'द जंगल बुक' रूडयार्ड किपलिंग की किताब पर बेस्ड है। इस फिल्म के हिंदी वर्जन में इरफान, नाना पाटेकर, प्रियंका चोपड़ा और ओमपुरी जैसे कई दिग्गज कलाकारों ने अपनी आवाज दी है।

 

Sunday 24 April 2016

बच के कहां जाओगे बच्चू


इंट्रो - फिल्मी और खेल सितारे अगर किसी ब्रांड का प्रचार करते हैं तो अब उनको सावधान रहने की जरूरत होगी क्योंकि भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सरकार कानून बनाने जा रही है। इसके जरिए उन पर शिकंजा कसा जा सकता है। यानी अब वे प्रचार में किए गए दावों-वायदों के प्रति अपनी जिम्मेदारी-जवाबदेही से बच नहीं सकेंगे।

कुछ साल पहले महानायक अमिताभ बच्चन ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट-अहमदाबाद में दिए एक व्याख्यान में कहा था, 'मेरे पास एक छोटी बच्ची आई और उसने कहा कि आप पेप्सी जैसी चीजों के विज्ञापन क्यों करते हो जिनके बारे में मेरी टीचर कहती हैं कि उसमें जहर होता है।' अमिताभ के मुताबिक इसके बाद उन्होंने अपने आपको पेप्सी से अलग कर लिया। वैसे इस बात के लिए अमिताभ को मिली जुली प्रतिक्रिया मिली।  जहां कुछ लोगों ने उनके इस कदम को सराहनीय बताया वहीं कई लोगों का ये भी मानना था कि जिस प्रोडक्ट से अमिताभ बच्चन लंबे समय तक जुड़े रहे, बाद में उसके बारे में उन्हें ऐसी 'आपत्तिजनक' बात नहीं कहनी चाहिए थी कुछ लोगों ने ये भी कहा कि अमिताभ तकरीबन आठ साल पेप्सी से जुड़े रह, तब उन्हें इसके जहरीले होने की और लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की चिंता क्यों नहीं सताई ? संभवतः अमिताभ की यह कहानी फिल्मी रही हो लेकिन सवाल है कि
क्या सितारे किसी विज्ञापन को करने से पहले रिसर्च करते हैं? क्या किसी प्रोडक्ट का ब्रांड एंबेसडर बनने से पहले वह अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारियों के बारे में भी सोचते हैं ? क्या वह उस खास प्रोडक्ट के बारे में पूरी पड़ताल करते हैं या वह उस विज्ञापन को करने से मिलने वाले पैसे पर ही ध्यान देते हैं ? क्यों‌कि पिछले दिनों जब आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एंबेसडर भारतीय क्रिकेट कप्तान महेंद्र
सिंह धोनी पर लोगों का गुस्सा फूटा तो उन्होंने खुद को  ब्रांड एंबेसडर पद से अलग कर लिया। धोनी ने जाते - जाते लोगों के हित के लिए आम्रपाली ग्रुप से एक औपचारिक विनती भी कर दी। दरअसल ग्रेटर नोएडा में घर खरीदारों को वक्त पर मकान ना दे पाने की वजह से ग्राहकों में आम्रपाली बिल्डर के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा है। गुस्सा जायज भी है, क्योंकि मध्यम‌वर्गिय परिवार को एक घर के सपने के पीछे पूरी जिंदगी को दांव पर लगा देनी पड़ती है और उन सपनों को पंख देने का काम बड़े - बड़े सितारे ब्रांड एंबेसडर के रूप में करते हैं लेकिन जब उन्हें हक दिलाने की बारी आती है तो चुपके से किनारे हो लेते हैं।  सवाल है कि क्या किसी कंपनी का ब्रांड एंबेसडर,  ऐसा गैर जिम्मेदाराना रवैया अपना सकता है ? बहरहाल, सितारों द्वारा भ्रामक विज्ञापन के चलते मोह जाल में फंस जाने वाले उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए संसदीय समिति उपभोक्ता संरक्षण कानून में जिन संशोधनों पर विचार कर रही है, उन्हें अगर संसद से मंजूरी मिल गई तो फिर सितारे प्रचार में किए गए दावों-वायदों के प्रति अपनी जिम्मेदारी-जवाबदेही से बच नहीं सकेंगे। संसदीय समिति के विचाराधीन प्रस्तावों के मुताबिक पहली बार भ्रामक प्रचार का दोषी पाए जाने पर सितारे को 10 लाख रुपये दंड या दो साल की सजा अथवा दोनों हो सकते हैं। दूसरी बार भ्रामक प्रचार का दोषी पाए जाने पर 50 लाख रुपये दंड या पांच साल की सजा का प्रावधान होगा।  यह सर्वविदित तथ्य है कि देर से ही सही, इस पहल की जरूरत भ्रामक विज्ञापनों के बेलगाम सिलसिले से ही रेखांकित हुई है। पिछले साल जब मैगी नूडल्स के सैंपल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पाए गए, तब महानायक अमिताभ बच्चन समेत अनेक बड़े सितारे अपने प्रशंसकों के प्रति जिम्मेदारी-जवाबदेही के सवाल पर कठघरे में खड़े नजर आए। बड़ी मासूमियत से सफाई देने की कोशिश की गई कि उनके लिए प्रचारित उत्पादों-सेवाओं की गुणवत्ता-विश्वसनीयता जांच पाना संभव नहीं है। निश्चय ही यह सफाई कानून सम्मत समाज में स्वीकार्य नहीं हो सकती। फिल्मी सितारे हों या खेल सितारे, वे अपने लाखों प्रशंसकों के प्रति जिम्मेदारी-जवाबदेही से मुक्त नहीं हो सकते, जो उनके नाम-चेहरे से ही किसी उत्पाद के खरीददार बन जाते हैं।

अब जिम्मेदार भी होगी तय
सितारों द्वारा भ्रामक विज्ञापन के चलते मोह जाल में फंस जाने वाले उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए संसदीय समिति उपभोक्ता संरक्षण कानून में जिन संशोधनों पर विचार कर रही है, उन्हें अगर संसद से मंजूरी मिल गई तो फिर सितारे प्रचार में किए गए दावों-वायदों के प्रति अपनी जिम्मेदारी-जवाबदेही से बच नहीं सकेंगे। संसदीय समिति के विचाराधीन प्रस्तावों के मुताबिक पहली बार भ्रामक प्रचार का दोषी पाए जाने पर सितारे को 10 लाख रुपये दंड या दो साल की सजा अथवा दोनों हो सकते हैं। दूसरी बार भ्रामक प्रचार का दोषी पाए जाने पर 50 लाख रुपये दंड या पांच साल की सजा का प्रावधान होगा।  अगर अन्य देशों में कानून की बात करें तो अमेरिका में फेडरल ट्रेड कमॉशियल एक्ट के तहत विज्ञापन में प्रोडक्ट के बारे में दावा करने वाली सेलिब्रेटी को असल जिंदगी में भी उसका इस्तेमाल करना पड़ता है।  कंपनी सिर्फ तब तक एक सेलिब्रेटी का इस्तेमाल विज्ञापन में कर सकती है जब तक उसे यकीन होता है कि प्रोडक्ट पर सेलिब्रेटी का विश्वास कायम है।  वहीं जापान में भ्रामक प्रचार का दोषी पाये जाने के बाद सेलिब्रेटी को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी पड़ती है, इससे उसकी साख को भी नुकसान पहुंचता है।  दक्षिण कोरिया में बनाए गए कड़े नियमों का पालन विज्ञापन करने वाली हस्तियों को करना पड़ता है और प्रोडक्ट्स से जुड़ी ज़िम्मेदारियों में सेलिब्रेटियों की भी जवाबदेही होती है। चीन में स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन आफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स के पास देश की गलत छवि बनाने वाले और भ्रामक प्रचार करने वाले सितारों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार है।


भरोसा पहले, पैसा बाद में
कई ऐसे भी सितारे हुए हैं जिन्होंने अपने प्रशंसकों के भरोसे को बनाए रखा है। अभिनेत्री कंगना रनौत ने फेयर एंड लवली ब्रांड का ऑफर ठुकरा दिया था। उन्‍हें यह ऑफर करीब दो करोड़ का मिल रहा था। इस दौरान कंगना ने कहा कि वह एक सेलिब्रेटी हैं और वह अगर ऐसे ऐड करेंगी तो लोगों को उन पर विश्‍वास हो जाएगा और हो सकता वह उनके भरोसे पर इसका इस्‍तेमाल भी करें। इसलिए उन्‍होंने साफ मना कर दिया कि चंद पैसों के लिए वह लोगों के विश्‍वास से धोखा नही कर सकती हैं। इसके अलावा रिचा चड्ढा भी एक बार ब्रांडेड विज्ञापन को लेकर चर्चा में रह चुकी हैं। वह भी एक फेयरनेस क्रीम के विज्ञापन को ठुकरा चुकी हैं। उन्‍होंने इस यह कह कर एक बडा़ ऑफर ठुकरा दिया था कि वह अपने आदर्शों को बेचकर विज्ञापन नहीं कर सकती हैं।  रितिक रोशन ने भी समाज के प्रति अपनी मानवीय भावना को दर्शा चुके हैं।  दिसंबर 2012 में उन्‍हें एक मोबाइल कंपनी की ओर से 20 करोड़ रुपये तक की पेशकश की गई थी लेकिन रितिक ने यह कहकर मना कर दिया है कि मुझे नहीं लगता कि जो चीजें इस विज्ञापन में दिखाई जाएंगी वह हकीकत में लोगों तक पहुंच सकेंगी। ऐसे में जब लोग खरीदेंगे और उन्‍हें वे फीचर नहीं मिलेंगे तो उन्‍हें बुरा लगेगा।  आमिर खान भी भ्रम फैलाने वाले विज्ञापनों से बचने के प्रयास में रहते हैं। ऐसे मे वह भी साल 2013 में जब सत्‍यमेव जयते शो को लेकर लोगों के बीच छाए थे, तभी उन्‍होंने भी एक बड़ी गाड़ी की कंपनी के ऑफर को ठुकराया था। उन्‍होंने एक लक्जरी कार ब्रांड को यह कहकर मना कर दिया था कि वह लोगों को गुमराह नहीं कर सकते हैं।  शिल्‍पा शेट्टी भी एक बडे अंतरराष्ट्रीय फूड ब्रांड के विज्ञापन ऑफर को ठुकरा चुकी हैं। इसको लेकर शिल्‍पा सोशल मीडिया पर भी छाई रही हैं। उन्‍होंने यहां तक कहा था कि एक पत्‍नी और मां होन के नाते मैं ऐसी चीजों को बढा़वा नहीं दे सकती हूं जो लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य के साथ खिलवाड़ करें। मैं ऐसे विज्ञापन करने के सख्‍त खिलाफ हूं। अभिनेता अनिल कपूर भी इन भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ हैं। उन्‍होंने भी व्हिस्की ब्रांड जूड लॉ की एक लघु फिल्‍म के ऑडियो अनवारण में शामिल हुए थे। इस दौरान अनिल ने कहा था कि ये मीडिया से कहा था कि वह एक शराब ब्रांड को अपना समर्थन नहीं दे सकते हैं। इसी तरह अभिनेता नवाजद्दीन सिद्दिकी ने भी एक बडे ब्रांड का ऑफर ठुकरा दिया था।

विवाद के साए में
ब्रांड की चमक

विवाद कई बार ब्रांड और ब्रांड एंबेसडर को फायदा भी पहुंचाते हैं । मसलन, कल्याण ज्वैलर्स को सिर्फ एक विदेशी ज्वैलर्स चेन के रूप में लोग जानते थे, जो भारतीयों की सोने के प्रति चाहत को आधार बनाकर अपना कारोबार चलाता है।  लेकिन एक विज्ञापन के दौरान नस्लवाद और बच्चों की गुलामी को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए जब ऐश्वर्या राय बच्चन पर निशाना साधा गया तो कल्याण ज्वैलर्स को तो इससे तुरंत प्रचार मिल गया है।  ज्वैलर्स ने विज्ञापन को वापस लिया लेकिन उसका पूरा फायदा लेने के बाद।  मार्केट के जानकारों की मानें तो इस विवाद ने ब्रांड को और चर्चित कर दिया। ऐश्वर्या की तरह ही निकोल किडमैन भी एक विज्ञापन की वजह से परेशान हुई थीं। वह एतिहाद एयरवेज की विदेशी एयरबस 380 के विज्ञापन में दिखाई दी थीं। एसोसिएशन ऑफ प्रोफेशनल फ्लाइट अटैंडेंटस् ने एक पत्र लिखकर निकोल से मांग की थी कि वह खुद को एयरलाइन से अलग कर लें, जिसकी नीतियां महिला कर्मचारी विरोधी थीं।  एसोसिएशन ने इस पत्र में निकोल को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दिए गए उनके प्रेरक भाषण की याद भी दिलाई। ट्विटर पर हुए हंगामे ने निकोल और एतिहाद एयरवेज को मुफ्त का प्रचार दिलाया।  एक प्रमुख चिप्स ब्रांड पोपचिप्स की बिक्री में खासा इजाफा हुआ, जब हॉलीवुड स्टार एश्टन कुचर इसके एक ऑनलाइन विज्ञापन में दिखाई दिए। एक बॉलीवुड निर्माता के रूप में, जो प्यार की तलाश में है। भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने भारतीयों को गरीब दिखाने के लिए कुचर पर अपना गुस्सा निकाला। विज्ञापन वापस ले लिया गया, लेकिन पोपचिप्स की खपत अभी भी भारतीय-अमेरिकियों में ज्यादा होती है। सोडास्ट्रीम, इजराइल की सोडा मशीन बनाने वाली यह कंपनी उस वक्त सुर्खियों में आई जब स्कारलेट जोहानसन ने इसके ब्रांड एंबेसडर के रूप में काम करने से मना कर दिया। जोहानसन ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि एक मानवतावादी संगठन ऑक्सफेम ने इजराइल के साथ किसी भी तरह के व्यापार का विरोध किया था। यह विवाद प्रोडक्ट के भविष्य के लिए अच्छा था।


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जब एंबेसडर फंसे तो
कंपनी ने बना ली दूरी
विज्ञापन की दुनिया में कई ऐसे मौके भी आए हैं जब ब्रांड एंबेसडर मुसीबत में फंसे हैं तो कंपनी ने उनका साथ देने की बजाए दूरी बना ली है।  अमिताभ बच्‍चन और महेंद्र सिंह धोनी के अलावा कई अन्‍य उदाहरण भी हैं।  हाल ही में असहिष्‍णुता पर बयान देकर फंसे आमिर खान का विरोध बढ़ा तब स्नैपडील ने उनसे मुंह मोड़ लिया। वहीं   टेनिस की दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला खिलाड़ी मारिया शारापोव हाल ही में डोपिंग टेस्ट में फेल होने की वजह से प्रतिबंधित कर दी गई हैं। इसका सबसे बड़ा असर उनके विज्ञापन बाजार पर पड़ा और नाइके स‌हित कई बड़ी कंपनियों ने उनसे नाता तोड़ लिया। जबकि  अमेरिका के धावक जस्टिन गैटलिन पर 2004 एथेंस ओलंपिक में डोपिंग टेस्ट में फेल होने की वजह से चार साल का बैन लगा। इसका असर यह हुआ कि स्पोर्ट्स की बड़ी कंपनी नाइके ने उनसे करार तोड़ लिया।  जब 2013 में दक्षिण अफ्रीका के पैरालिंपिक एथलीट ऑस्कर पिस्टोरियस पर प्रेमिका रीवा स्टीनकैंप के खून का आरोप लगा तब स्पोर्ट्स कंपनी ओकले ने उनसे नाता तोड़ लिया वहीं नाइके ने भी अनुबंध को आगे नहीं बढ़ाया। मशहूर फुटबॉलर और अमेरिकन मूवी स्टार सिंपसन को कैलिफॉर्निया में पूर्व पत्नी और उसके दोस्त की हत्या और कसीनो में डकैती के अपराध में गिरफ्तार किया गया। इस घटना के बाद अमेरिका की हार्टज कार कंपनी ने सिंपसन से करार तोड़ दिया। इस कंपनी से सिंपसन को हर साल पांच लाख डॉलर यानी करीब 3.50 करोड़ रुपये की आमदनी होती थी। ऑस्ट्रेलिया की तीन बार ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता तैराक स्टेफनी राइस से जगुअर कार कंपनी ने तब दूरी बना ली जब उन्होंने 2010 में समलैंगिकों के विरोध में ट्वीट किया। यह कंपनी उन्हें करीब एक लाख डॉलर का भुगतान करती थी। अमेरिका की पॉप स्टार माडोना से 1989 में पेप्सी ने करार तोड़ लिया। माडोना ने उस दौरान चर्च और कैथोलिक समुदाय के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। 1988 में पत्नी द्वारा गाली - गलौच के आरोप के बाद मुक्केबाज माइक टायसन से पेप्सी ने करार तोड़ लिया। डोपिंग में फंसने के बाद लांस आर्मस्ट्रांग से नाइके, ट्रेक साइकल्स, एफआरएस जैसी बड़ी कंपनियों ने करार तोड़ लिया। 2010 में सेक्स स्कैंडल में फंसने के बाद अमेरिका के दिग्गज गोल्फर टाइगर वुड्स से पेय पदार्थ कंपनी गेटोरेड जीएम ने करार तोड़ लिया। एयरपोर्ट के बाहर स्मोकिंग करते हुए अमेरिका के स्टार तैराक फेलेप्स की तस्वीर सार्वजनिक होने के बाद खाद्य प्रोडक्ट केलॉग ने उन्हें अपना एंबेसडर बनाने से इन्कार कर दिया। 2001-02 में सलमान की गाड़ी से फुटपाथ पर सो रहे एक मजदूर की कुचलकर मौत हो गई, चार घायल हो गए। इस घटना के बाद थम्सअप कोल्ड ड्रिंक ने सलमान खान से करार तोड़ लिया । मुंबई की टाडा अदालत ने 2007 में संजय दत्त को आर्म्स एक्ट के तहत छह साल कैद की सजा सुनाई । इस घटना के बाद कोलकाता की गारमेंट्रस कंपनी रूपा ने उनसे करार तोड़ लिया। माडल कैट मोस को हवाई अड्डे पर स्मोकिंग करते हुए पकड़ा गया तो उनसे ट्रेवन कार कंपनी ने करार तोड़ लिया। वहीं इंग्लैंड के फुटबॉलर रूनी को 2010 में पेप्सी ने नाता तोड़ लिया। रूनी पर पत्नी को धोखा देने का आरोप लगा था।

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विज्ञापन की दुनिया बेहद दिलचस्प है। कंपनियां विज्ञापन के जरिए अपने प्रोडक्ट और ब्रांड वैल्यू बढ़ाती हैं। इसके लिए सेलेब्रिटीज को कंपनी के साथ जोड़ा जाता है। लेकिन कुछ विज्ञापन अपनी स्क्रिप्टिंग और प्रेजेंटेशन के चलते विवादों में घिर जाते हैं। जनता के बीच ऐसे विज्ञापनों का चेहरा कोई सेलेब्रिटी होता है तो उसे भी विवादों से जूझना पड़ता है। इनमें अभिनेताओं की तो किरकिरी होती ही है, साथ ही राज्य व केंद्र सरकार की भी टेंशन बढ़ जाती है।

विज्ञापनः किसान चैनल
विवादः जुलाई, 2015 विज्ञापन के बदले अमिताभ बच्चन पर 6.31 करोड़ रुपये लेने का आरोप
मामल - केंद्र सरकार ने मई में ही किसान चैनल लॉन्च किया है। इसके विज्ञापन के लिए बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को लिया गया था। दावा है कि बॉलीवुड महानायक अमिताभ बच्चन ने किसान चैनल का विज्ञापन करने की लिए फीस ली है। जबकि अमिताभ बच्चन ने खुलासा किया उन्होंने कोई फीस नहीं ली है।  इसके अलावा पिछले साल तक अतुल्य भारत के ब्रांड एंबेसडर रहे आमिर खान जब इंटॉलरेंस पर फंसे तो अमिताभ बच्चन को अतुल्य भारत का एंबेसडर बनाने की तैयारी शुरू हो गई । लेकिन हाल ही में टैक्स चोरी से जुड़े पनापा पेपर्स मामले में उनका नाम उछला तो इसका खामियाजा बिग बी को इसके एंबेसडर से हटा दिया गया।

कल्याण ज्वैलर्स
विवादः अप्रैल, 2015 में नस्लभेदी और बाल मजदूरी को बढ़ावा देने का आरोप लगा।
क्या था मामला
अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन ने कल्याण ज्वैलर्स के साथ 10 करोड़ रुपए सालाना में करार किया था। उन पर आरोप लगे थे कि ये विज्ञापन ‘नस्लीय’ होने के अलावा बच्चों की गुलामी को बढ़ावा देता है। इस विज्ञापन में आभूषणों से लदी ऐश्वर्या राय के पीछे एक दुबले-पतले सांवले रंग के बच्चे को लाल रंग की छतरी उठाए हुए दिखाया गया था। सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक ग्रुप ने ऐश्वर्या को लिखे पत्र में इस तस्वीर को ‘बेहद आपत्तिजनक’ बताया था। विज्ञापन पर मचे बवाल के बाद कल्याण ज्वैलर्स ने अपने फेसबुक पेज पर माफीनामा जारी किया था।

थम्सअप
विवादः मई, 2015 में बोतल पर नहीं प्रिंट थी फ्लेवर की जानकारी। सैंपल ब्रांडिंग में फेल
क्या था मामला
एमपी में गुना के खाद्य एवं औषधि विभाग ने थम्सअप के सैंपल लेकर उसे जांच के लिए भोपाल की सरकारी लैब में भेजा था। जांच में सामने आया कि थम्सअप ने अपनी बोतल पर फ्लेवर की जानकारी प्रिंट नहीं की है। ग्राहकों को नहीं पता कि वह थम्सअप के रूप में क्या पी रहे हैं। इसके बाद खाद्य एवं औषधि विभाग ने बॉलीवुड कलाकार सलमान खान, अक्षय कुमार और साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के हीरो महेश बाबू को नोटिस थमाया था।

हिमामी फेयर एंड हैंडसम क्रीम
 विवादः 2013 में इस विज्ञापन में शाहरुख मर्दों को गोरा करने की क्रीम के फायदे गिनाते नजर आए थे। इसके बाद शाहरुख पर रंगभेद का आरोप लगा था।
क्या था मामला
लगभग दो साल पहले शाहरुख खान ने एक फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन किया था, जिसपर विवाद खड़ा हो गया था। शाहरुख इस विज्ञापन में मर्दों को गोरा करने की क्रीम के फायदे गिनाते हुए नजर आते थे। इस विज्ञापन के खिलाफ एक ऑनलाइन कैंपेन ‘डार्क एंड ब्यूटीफुल’ शुरू हो गया था। इसके बाद आमिर खान समेत कई बॉलीवुड सितारों ने यह निर्णय लिया कि वे ऐसे किसी प्रोडक्ट का विज्ञापन नहीं करेंगे जो ऐसे भ्रम फैलाती है। हालांकि, शाहरुख खान ने इस विवादित मुद्दे पर चुप रहने में ही समझदारी समझी।

लिवाइस
विवादः 2009 में रैंप शो में प्रचार के लिए अश्लील हरकत का आरोप
क्या था मामला
साल 2009 में खिलाड़ी अक्षय कुमार तब विवादों में घिर गए थे, जब वह फैशन वीक के दौरान रैंप पर उतरे थे। अक्षय कुमार इस रैंप शो में एक जींस के ब्रांड के लिए उतरे थे। इस दौरान अक्षय ने अपनी पत्नी टि्वंकल खन्ना से पैंट का बटन खोलने के लिए कहा और उन्होंने ऐसा किया भी। कई लोगों ने अक्षय और टि्वंकल की इस हरकत को अश्लील बताया। कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तो अक्षय के खिलाफ अश्लीलता फैलाने का केस भी दर्ज करा दिया था। हालांकि, विवाद बढ़ने के बावजूद अक्षय ने इस पर माफी मांगने से इनकार कर दिया था।


मैगी
 विवादः मैगी में लेड की मात्रा तय मानक से ज्यादा पाई गई।
कबः जून, 2015
 क्या था मामला
खाद्य एवं रसद विभाग ने यूपी के बाराबंकी जिले से मैगी के 12 अलग-अलग सैंपल लिए। फिर इन्हें केंद्र सरकार की कोलकाता स्थित लैब में टेस्ट कराया गया। रिपोर्ट में मैगी के पैकेटों में लेड की मात्रा 17.2 पार्ट्स प्रति मिलियन (पीपीएम) पाई गई है, यह स्‍वीकार्य सीमा से लगभग सात गुना ज्‍यादा थी। इसके बाद मैगी को भारत में बैन कर दिया। इसके बाद मैगी का विज्ञापन करने वाले अमिताभ बच्चन, प्रिटी जिंटा और माधुरी दीक्षित के खिलाफ कोर्ट ने नोटिस भेजा।




मैनफोर्स
विवाद ः हाल ही में एक नेता ने सनी लियोनी के मैनफोर्स विज्ञापन पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि इस वजह से बलात्कार करने के लिए प्रेरित किया जाता है। इस विवाद के बाद मैनफोर्स कंपनी को विज्ञापन की स्क्रिप्ट बदलनी पड़ी। हालांकि अभी भी इस कंपनी की ब्रांड एंबेस्डर सनी लियोनी हैं।

यह भी हैं
-  इसी तरह मधु सप्रे और मॉडल व एक्टर मिलिंद सोमन का 1995 में आया एक शूज का विज्ञापन अब तक का सबसे विवादित विज्ञापन माना जाता है। विज्ञापन के रिलीज होते हुए इस पर प्रति‍बंध लगा दिया गया था। इस विज्ञापन में दोनों ने सिर्फ जूते ही पहन रखे थे और उनके शरीर पर एक पॉलथीन लिपटा हुआ था। इस विज्ञापन के बाद इन दोनों को तरह के कानूनी नोटिस का सामना करना पड़ा था।

- बिपाशा बसु एवं मॉडल व अभिनेता डिनो मोरिया ने मिलकर 1998 में एक कामुक विज्ञापन किया था जो विवादों में घिर गया था। अंडरवियर के इस विज्ञापन को लेकर लंबे समय तक विवाद जारी रहा था।

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वह चेहरे जिन्हें विज्ञापन
ने दिलाई खास पहचान

विज्ञापन की वजह से अगर सितारों का स्टारडम खतरे में आता है तो यही विज्ञापन कुछ आम लोगों को स्टार भी बना देते हैं। ऐसे ही कुछ चेहरे हैं जिन्हें सेलिब्रेटी बनाने में विज्ञापन ने अहम भूमिका निभाई है।

साशा क्षेत्री
आपने एयरटेल का 4 जी वाला विज्ञापन तो देखा ही होगा। उसमें दिखने वाली लीड ऐक्ट्रेस का नाम साशा क्षेत्री है। एयरटेल के इस कैंपेन ने उन्हें स्टार बना दिया है। सोशल मीडिया पर उनके चर्चे हैं। कभी साशा के नाम के जोक्स बनते हैं तो कभी उनकी खूबसूरती की तारीफ होती है। ट्विटर पर आए दिन साशा ट्रेंड करती रह‌ती हैं। ब्रॉडकास्ट ऑडिएंस रिसर्च काउंसिल इंडिया (बीएआरसी) के मुताबिक 19 सितंबर से 20 नवंबर 2015 तक साशा पर फिल्माया गया एयरटेल 4 जी का विज्ञापन 54,406 बार दिखाया गया, यानी कुल 17,08,586 सेकेंड के लिए इस विज्ञापन को लोगों ने देखा। इसका मतलब निकलता है कि वह टीवी पर करीब 475 घंटों के लिए थीं। यू-ट्यूब और अन्य सोशल साइट्स पर भी इस विज्ञापन को खूब देखा और शेयर किया जा रहा है। खबर तो यह भी है कि साशा जल्द ही एक डांसिंग शो को होस्ट करने वाली हैं।

विशाल मल्होत्रा
क्रिकेट वर्ल्ड कप 2015 के दौरान मौका-मौका विज्ञापन ने धूम मचा दी थी लेकिन ये सिर्फ भारतीय टीम के लिए नहीं बल्कि विशाल के लिए एक सुनहरे मौके जैसा था। भारतीय टीम तो वर्ल्ड कप से बाहर हो गई लेकिन विशाल ने इस मौके को दोनों हाथों से पकड़ा और इस विज्ञापन ने उन्हें रातों रात स्टार बना दिया। दिल्ली के रहने वाले विशाल ने एमिटी से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, लेकिन इस विज्ञापन के हिट होने के बाद अब वह एक्टिंग की तरफ ही ध्यान दे रहे हैं। क्रिकेट के बड़े टूर्नामेंटों में और खासकर पाकिस्तान के खिलाफ मैच के दौरीन विशाल का मौका - मौका विज्ञापन जरूर चर्चा में रहता है।

करन लुनेल
20वें दशक में लिरिल साबुन बड़ा ब्रैंड बन कर सामने आया, जिसमें सबसे बड़ा हाथ रहा करन लुनेल का। लिरिल के विज्ञापन में टू-पीस पहने झरने में नहाती लड़की ने जैसे विज्ञापन दुनिया में आग लगा दी थी। रातों रात लिरिल की सेल कई गुना बढ़ गई थी। खास बात यह है कि 47 सेकेंड का यह विज्ञापन  उस साल रिलीज हुआ ‌जब फिल्म शोले की धूम थी। 2009 में जब लुनेल की मौत की अफवाह उड़ी तब उनके विज्ञापन को एक बार फिर यू-ट्यूब पर लाखों लोगों ने देखा।  इस विज्ञापन के बाद भी इस कंपनी ने कई बार ऐसे विज्ञापन बनाए लेकिन उसमें दिखाई गई मॉडल्स करन को टक्कर नहीं दे पाईं। एक बार फिरर हिंदुस्तान यूनीलिवर ने लिरिल साबुन को लॉन्च करने के लिए इसी हॉट ऐड को चुना ।

कविता चौधरी
सर्फ में ललिता जी का किरदार निभाने वाली उस महिला को कौन भूल सकता है। बड़ी-बड़ी ऐड एजेंसियां मानती हैं कि सर्फ डिटरजेंट को घर-घर पहुंचाने में एक्ट्रेस ललिता जी का बहुत बड़ा रोल रहा है। इस ऐड ने ललिता जी यानी कविता चौधरी को भारत में फेमस कर दिया था। इससे पहले ललिताजी की पहचान टीवी सीरियल उड़ान के आईपीएस ऑफिसर के रूप में होती थी। हालांकि, उन्होंने 1970 से 80 के दशक में बॉलीवुड की कई फिल्मों में काम किया। विज्ञापन एजेंसी लिंटास के मुताबिक इस ऐड ने बहुत ही कॉमन फेस वाली भारतीय महिला 'ललिता जी' को फेमस बना दिया। इस तरह सर्फ भी एक ब्रांड बन गया।

नीरू देशपांडे
विज्ञापन से बने स्टार्स की बात हो और ऐसे में पार्ले-जी बिस्कुट की बात न हो, ये कैसे हो सकता है। देश की सबसे ज्यादा बिकने वाले इस बिस्कुट के पैकेट पर बनी बच्ची का नाम है नीरू देशपांडे। जब इस पैक को डिज़ाईन किया गया था तब नीरू की उम्र चार साल थी और आज वह 60 साल की हैं। कई लोग मानते हैं कि नीरू की इस तस्वीर ने पार्ले-जी को एक ब्रैंड बना दिया है।  यह बिस्कुट 1939 से बनना शुरू हुआ था। तब इसका नाम ग्लूको बिस्किट था। अपना पल्लू संभालती एक औरत इसके पैकेट में बनीं थी। लेकिन आजादी के बाद इस बिस्कुट ने अपना रूप बदला। सन 1947 को एक बच्ची यानी नीरू देशपांडे की फोटो इसमें डाली गई है।

यामी गौतम
फेयर एंड लवली के विज्ञापन से यामी गौतम की जिंदगी बदल गई। इस विज्ञापन में इनकी खूबसूरती का ऐसा जादू चला कि बॉलीवुड तक का सफर इन्होंने तय कर लिया। आज ये एक स्टार हैं और कई जवां दिलों की धड़कन. आज भी यामी को आप इस विज्ञापन में देख सकते हैं। यामी गौतम की पहचान अब फिल्म विक्की डोनर से भी है । उन्होंने हाल ही में फिल्म सनम रे में भी मुख्य भूमिका निभाई।

सैयामी खेर
मॉडलिंग में अपनी खूबसूरती का लोहा मनवाने के बाद सैयामी ने विज्ञापन की दुनिया में कदम रखा, जहां उन्हें लेविस, पैंतलुस, लोरेल जैसे बड़े ब्रैंड के साथ काम किया और आज उन्हें राकेश ओमप्रकाश मेहरा की आने वाली फिल्म मिर्जया में लीड रोल मिला है।

राणा प्रताप और गोल्डी दुग्गल
जय-वीरू,  चाचा चौधरी-साबू,  मोदी-शाह से ज्यादा अगर कोई जोड़ी टेलीविजन स्क्रीन पर फेमस हुई है, तो वह हैं फाइव स्टार वाले रमेश-सुरेश। और शायद आपको एहसास भी नहीं हुआ होगा, लेकिन ये जोड़ी पिछले 11 सालों से फाइव स्टार के विज्ञापन कर रही है।  जहां राणा थिएटर आर्टिस्ट हैं, वहीं गोल्डी डायरेक्टर बनना चाहते हैं और कई फिल्मों में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम कर चुके हैं।  फाइव स्‍टार के  विज्ञापन ने इन दोनों को खास बना दिया।  एक बार वॉचमैन ने इन दोनों को कैडबरी के ऑफिस में नहीं घुसने दिया था लेकिन जब अपना विग और मेकअप कर के वो वापस आए तो वो वॉचमैन भी उसी लाइन में खड़ा था, जिन्हें रमेश और सुरेश का ऑटोग्राफ चाहिए था। राणा और गोल्डी को अब उनके ही शहर में लोग रमेश और सुरेश के नाम से बुलाया और पहचाना जाने लगा है। जब भी इनका अपने शहर और घर आना होता है हर ओर इनकी चर्चा रमेश और सुरेश नाम से ही होती है। 

Sunday 17 April 2016

अपने सीवान से डरता हूं!

 
मैं यह अनुमान लगा सकता हूं कि आगामी चुनाव में अमेरिका का राष्ट्रपति कौन होगा।  मैं यह भविष्यवाणी भी कर सकता हूं कि बंगाल, असम, केरल और त‌मिलनाडु में किसकी सरकार बनेगी। यह मेरा घमंड नहीं है, शायद पत्रकारिता से जुड़ाव का नतीजा ह‌ै। दरअसल, पत्रकारिता की दुनिया अनुमान और सूत्रों पर टिकी है। लेकिन जब अपनी जन्मभूमि सीवान के बारे में मुझसे कोई पूछता है तो मेरी सारी सोच धरी की धरी रह जाती है। सारे अनुमान द्यता हो जाते हैं। मैं पिछले कुछ सालों से सीवान से बाहर हूं । जाहिर है वहां कि राजनीतिक समझ भी कमजोर हो चली है और हां, मैंने भी कभी दिलचस्पी नहीं रखी। बस यही जानता था कि सांसद ओमप्रकाश यादव हैं तो विधायक व्यासदेव प्रसाद हैं। यह भी जानता था कि वह रामराज्य मोड़ वाला फ्लाइओवर भी अब 'चालू' हो गया है लेकिन यह अपने जिले को जानने के लिए पर्याप्त नहीं है।  लेकिन हां, सीवान में पिछले कुछ समय से जो माहौल बन या बिगड़ रहा है , उसने एक बार फिर से अपने गृह जिले में दिलचस्पी बढ़ा दी है। यह दिलचस्पी डर और दबाव की है। अब अपने परिवार से हर दिन फोन कर कुशल छेम पूछने का मन करता है। पहले ऐसा कुछ नहीं था। पहले दो - चार दिन भी घरवालों से बात नहीं करता था तब भी एक तसल्ली सी थी।  जब भी मैं परिवार के प्रति आश्वस्त होता था तो उसकी नींव में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की क्रूरता दबी मिलती थी। लेकिन अब आश्वस्त होने की यह नींव हिल चुकी है। यह सब कब से हुआ, यह बताऊंगा तब आप तुरंत किसी न किसी पार्टी और धर्म के चश्में से देख लेंगे। लेकिन हां यह तब से हुआ है जब सीवान जेल में शहाबुद्दीन से राज्य सरकार का मंत्री मिलने जला गया। शहाबुद्दीन को राज्य की सबसे बड़ी पार्टी राजद की कार्यकारणी में शामिल कर लिया गया। वर्तमान में एक अपराधी को पार्टी में रखने और मिलने जाने में बुराई कुछ नहीं है लेकिन शर्त हो कि वह देशद्रोह के केस में अंदर न हो। पिछले दिनों सीवान के दंगे में वह भीड़ कहां से निकली थी ? उसका मकसद क्या था और उस मोहल्ले का इतिहास क्या है? उस भीड़ का हीरो कौन था? उस भीड़ का निशाना रामनवमी ही क्यों था?  ऐसे तमाम सवाल हैं जिनके जवाब मैं नहीं जानता लेकिन यह जानता हूं कि यह वही सीवान है जो शहाबुद्दीन के पर कतरने पर शांत था और अब फिर से जल पड़ा है। तो क्या युवाओं को किस तरफ जाना चाहिए, इसका निर्धारण अब फिर से वही साहब करेंगे। यह आग बहुत ही खतरनाक है। इस डर के आग में हमारा बचपन झुलसा है, कमोबेश युवा होते - होते भी उस शख्स के नाम से भय था। ..अब सच में अपने सीवान से डरता हूं। 

Sunday 3 April 2016

ग्लैमर की चमक के पीछे स्याह अंधेरा



‘यहां तो लोग रोने तक के लिए कंधा नहीं देते, मरने का इंतजार करते हैं’कहने को यह  मधुर भंडारकर की फिल्म ‘कैलेंडर गर्ल्स’ का  एक डायलॉग भर है। मगर सच यह है कि यह बॉलीवुड के चमकदार चेहरे से एक झटके में नकाब उतार देता है। प्रत्यूषा की मौत भी इसी अंधेरे पक्ष का एक हिस्सा है।


‘अकेलापन एक बहुत बड़ी परेशानी है। आप पार्टियों में जाकर कुछ देर अपना मन बहला जरूर सकते हैं लेकिन उसके बाद रह जाता है अकेलापन। शायद यही वह जिंदगी है जिसे मैंने चुना है ।’ 2003 में पूर्व मिस इंडिया और एम टीवी की मशहूर वीजे नफीसा जोसेफ ने एक अंग्रेजी समाचार को दिए इंटरव्यू में यह बात कही थी लेकिन करीब एक साल बाद वह इसी अकेलेपन के हाथों हार गईं और 29 जुलाई 2004 को मुंबई स्थित अपने फ्लैट में फांसी लगा ली। दरअसल, नाम, पैसा और शोहरत का ऐसा कॉकटेल है जिससे रातों रात आपकी दुनिया बदल जाती है। अगर आप इस चकाचौंध भरी दुनिया में खुद को संभालने में सफल हो गए तो जिंदगी भर अपने सपनों की दुनिया को हकीकत में बदल सकते हैं। मगर ये दुनिया जितनी रंगीन दिखाई देती है, हकीकत में इसका दूसरा पक्ष भी है जिसके बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं। ये ग्लैमर वाकई में इतना क्रूर होता है जो इंसान से उसके जीने की इच्छा तक छीन लेता है। शायद इनकी जिंदगी में फिल्मों की कहानियों की तरह वक्त करवट लेता होगा। फिल्मों की तरह खूबसूरत अंत के आने का इंतजार करने की ताकत शायद चकाचौंध में घुल चुकी होती है। इसलिए मां-बाप दोस्तों और ना जाने कितने अपनों को बिलखता छोड़ जाने का ख्याल भी उन्हें मरने से नहीं रोक पाता। संघर्ष, चकाचौंध, कामयाबी, प्यार, और फिर खुदखुशी... ये लफ्ज सिर्फ प्रत्यूषा बनर्जी या नफीसा जोसेफ की जिंदगी की ही दास्तां नहीं कहते।  ग्लैमर की इस दुनिया में ऐसे तमाम उदाहरण मिल जाएंगे जिन्होंने सफलता की ऊचांईयों पर जाने के लिए बहुत मेहनत की लेकिन फिर अचानक हार मान गए। दरअसल, फिल्मी दुनिया में कामयाबी के आसमान पर पहुंच चुके और पहुंचने की ख्वाहिश रखने वाले जब नाकामी से दो-चार होते हैं तो उनका संभलना आसान नहीं होता। यह नाकामी फिल्मी कैरियर की भी हो सकती है, इश्क की भी। इश्क में नाकाम होकर कई फनकारों ने अपनी जिंदगी गवाई तो गुमनामी के अंधेरों में खो जाने का खौफ और मायूसी का शिकार होकर कई अदाकाराओं ने अपनी जान दे दी।  लड़कियां चूंकि ज्यादा संवेदनशील और जज्बाती होती हैं लिहाजा कैरियर और इश्क की नाकामी का दबाव बर्दाश्त नहीं कर पाती और मौत को गले लगा लेती हैं। प्रत्यूषा बनर्जी भी ऐसी ही एक अदाकारा थीं जो कैरियर और इश्क में उतार चढ़ाव को बर्दाश्त नहीं कर सकीं और शुक्रवार को महज 24 बरस की उम्र में खुदकुशी करके अपनी जान दे दी। आखिरी समय में प्रत्यूषा किस कदर अकेली थीं यह उनके व्हाट्सअप स्टेटस ' मर कर भी मुंह न मोड़ना'  से बयां होता है। यहां यह सवाल मौजूं हो जाता है कि  क्या ग्लैमर की दुनिया सच में इतनी क्रूर है कि यहां किसी को किसी दूसरे के दर्द को सुनने के लिए वक्त नहीं है ? तो क्या सच में यहां लोग रोने तक के लिए कंधा नहीं देते बल्कि मरने का इंतजार करते हैं? क्या यहां लड़कियों को इस्तेमाल किया जाता है और फिर 'फेंक' दिया जाता है ? फिल्मी दुनिया में रिश्ते जरूरत के हिसाब से बनाए जाते हैं और जब जरूरत खत्म हो तो रिश्ते भी खत्म हो जाते हैं। कुछ लड़कियां इस हकीकत को समझ लेती हैं और उन्हीं रिश्तों का इस्तेमाल करके अपना कैरियर बना लेती है लेकिन कुछ लड़कियां इस हकीकत को बर्दाश्त नहीं कर पाती और अपनी जान दे देती हैं।  परवीन बॉबी जब एकाएक देश छोड़कर चली गई थीं, तो हेमा मालिनी ने बहुत दुखी होते हुए कहा था कि ‘मुझे यहां सब कुछ चांदी की प्लेट में सजा हुआ मिला, मगर सबके साथ ऐसा नहीं है। परवीन को यहां जबर्दस्त शोषण और एकांत के दौर से गुजरना पड़ा।’ परवीन के पागल होने का एक बड़ा कारण उनका अति संवेदनशील होना माना जाता है। उनकी मौत भी बेहद दुखद थी। गुजरे जमाने की हीरोइन रीना राय का कहना था कि ‘ऐसा नहीं है कि मैंने कोई समझौते नहीं किए, लेकिन आजकल की लड़कियों को देखती हूं तो उल्टी आती है।’ दरअसल, रीना राय का इशारा ऐसे एकांत अंधेरे की ओर था जहां सपनों को तोड़ दिया जाता है। जानकारों का मानना है कि ग्लैमर की दुनिया में आने के बाद लड़कियों को असुरक्षा और धोखे का डर ज्यादा सताता है। धोखा रवीना टंडन जैसी अभिनेत्रियों को मिल चुका है, और वो भी अक्षय कुमार जैसे बड़े सितारे से। अक्षय के लिए किसी दौर में पागल हो चुकीं रवीना ने एक मैग्जीन को दिए इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने अक्षय को सुष्मिता और रेखा के साथ रंगों हाथ पकड़ा था। रवीना ने अक्षय पर यहां तक आरोप लगाया कि वो लड़कियों को फंसाने के लिए नाटक करते हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि उनसे सगाई के दौरान भी दो और लड़किय़ों से सगाई कर चुके थे। रवीना ने सालों तक अक्षय पर भड़ास निकाला, लेकिन अक्षय खामोश रहे और इस तरह एक प्रेम कहानी का दर्दनाक अंत हुआ। फिल्म तारे जमीं पर में काम कर चुकीं टिस्का चोपड़ा ने अपनी किताब ऐक्टिंग स्मार्ट’ में लिखा है कि यह सीधे मांग और पूर्ति का मामला है। यहां ऐक्टिंग की चाह रखने वालों की भारी भीड़ है लेकिन काम बहुत कम है। इसीलिए लड़कियों को हर तरह के शोषण से दो-चार होना पड़ता है। अब तो लड़के भी इससे नहीं बचे हैं। हालांकि किताब में उन्होंने इससे बचने के तरीके भी बताए हैं।





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इस इंडस्ट्री में जो शिखर पर है लोग उसी को पूछते हैं और जो चला गया,उसका नाम लेनेवाला कोई नहीं। ऐसा ही कई स्टार्स के साथ हुआ जो अपने समय में ग्लैमर इंडस्ट्री में जबरदस्त फेमस थे, उनके पास नाम और पैसा सब कुछ था मगर अचानक कुछ ऎसा हुआ कि अकेलेपन और गम की वजह से ही मर गए।


जिया खान
25 साल की कामयाब एक्ट्रेस जिया खान ने सूरज पंचोली के साथ अपने संबंध खराब होने के कारण तीन जून, 2013 को खुदकुशी कर ली।  जिया खान बड़े सपनों के साथ सात समंदर पार से मुंबई आई थीं। उन्होंने 2007 में फिल्म निशब्द से फिल्मी कैरियर की शुरुआत की और बाद में फिल्म गजनी और हाउसफुल जैसी फिल्मों में काम किया। जिया का जन्म अमेरिका में हुआ था और परवरिश लंदन में। बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि जिया एक ट्रेंड सिंगर और डांसर भी थीं। जिया हवा के हल्के झोंके की तरह आईं और फिजा में अपनी खुशबू बिखेर कर चली गईं।

दिव्या भारती
19 साल की दिव्या भारती की मौत मुंबई में उनकी पांच मंजिला इमारत से गिरने की वजह से हुई। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में दिव्या भारती को एक ऐसी अभिनेत्री के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने अपनी रूमानी अदाओं से दर्शकों के बीच खासी पहचान बनाई।  वर्ष 1992 से वर्ष 1993 के बीच दिव्या भारती ने बॉलीवुड की 14 फिल्मों में काम किया जो आज भी न्यू कमर अभिनेत्री के लिए एक रिकार्ड है। वर्ष 1992  में दिव्या भारती ने जानेमाने फिल्मकार साजिद नाडियाडवाला के साथ शादी कर ली लेकिन शादी के महज एक वर्ष के बाद 05 अप्रैल 1993 को दिव्या भारती की बिल्डिंग से गिरकर मौत हो गई। 90 के दशक की इस एक्ट्रेस की मौत आज भी एक पहेली है।  सात समंदर पार .. ऐसी दिवानगी देखी नहीं ..जैसे गानों के जरिए वह आज भी लोगों के दिलों पर राज करती हैं।

परवीन बॉबी
इस ग्लैमरस अभिनेत्री का अंत वाकई बहुत दुखद रहा। अपने समय की प्रतिभाशाली और लोकप्रिय अभिनेत्रियों में से एक परवीन बाबी अपने आखिरी समय में बिलकुल अकेली और तन्हा रह गई थीं। जुहू, मुंबई में रहने वाली परवीन बाबी 20 जनवरी, 2005 को 55 वर्ष की उम्र में इस दुनियां से अलविदा कह गईं। लेकिन उनकी मौत का पता पांच दिन बाद चला। शराब और नशे की आदी परवीन बाबी की मौत एक हादसा थी या आत्महत्या किसी को इस बात की खबर नहीं हुई।

मधुबाला
बॉलीवुड  की सबसे खूबसूरत अभिनेत्रियों में से एक मधुबाला की दास्तां भी बहुत अजीब और कष्टदाई रही। जब तक फिल्मों में काम करती रहीं तब तक तो उनके चाहने वालों और बॉलीवुड ने उन्हें सर-आंखों पर रखा लेकिन जब उनके शरीर ने काम करना बंद कर दिया और वह बिस्तर से हिल भी नहीं पाती थीं तब सभी ने उनका साथ छोड़ दिया। अकेलेपन से जूझ रहीं मधुबाला ने 23 फरवरी, 1969 को 36 साल की उम्र में अपने प्राण त्याग दिए।

मीना कुमारी
31 मार्च 1972 को बॉलीवुड की सबसे लोकप्रिय ट्रैजेडी क्वीन मीना कुमारी की सांसें थम गईं। अकेलेपन की वजह से मीना कुमारी ने भी शराब और नशे से दोस्ती कर ली थी। बार-बार दिल टूटने और धोखा मिलने के कारण मीना कुमारी उदास रहने लगी थीं। मीना कुमारी का निधन उस समय हुआ जब उनकी सुपरहिट फिल्म पाकीजा सिनेमा हॉल में दर्शकों की भीड़ जुटा रही थी। उन्हें यह देखने का भी अवसर नहीं मिला कि उनके फैंस उन्हें कितना चाहते हैं।

सिल्क स्मिता
35 साल की साउथ एक्‍ट्रेस सिल्क स्मिता 23 सितंबर 1996 को चेन्नई में अपने घर में मृत पाई गई।  ऐसा कहा जाता है कि सिल्क अपने जीवन से इतना निराश हो गईं थीं कि उन्होंने आत्महत्या कर ली। सिल्क के बारे में कहा जाता है कि उनकी लोकप्रियता उन्हें ले डूबी। उनकी छवि एक सेक्स सायरन की बन चुकी थी।  मीडिया में उनके बारे में भद्दी बातें लिखी जा रहीं थी और राह चलते लोग उन्हें गंदे इशारे किया करते थे।  ये सब उनसे बर्दाश्त नहीं हुआ। सिल्क स्मिता पर फिल्म डर्टी पिक्चर बनी। इस फिल्म में विद्या बालन ने स्लिक स्मिता की भूमिका निभाई।

विवेका बाबाजी
कामसूत्र कॉन्डम ऐड के लिए प्रसिद्ध हुईं विवेका ने 2010 में अपने बांद्रा स्थित फ्लैट में पंखे से लटककर सूइसाइड कर ली।

कुलजीत रंधावा
टीवी ऐक्ट्रेस और मॉडल कुलजीत रंधावा ने 8 फरवरी 2006 को जुहू स्थित अपने फ्लैट पर सूइसाइड कर ली।

नफीसा जोसेफ
पूर्व मिस इंडिया और एम टीवी की मशहूर वीजे नफीसा जोसेफ वर्सोवा स्थित अपने फ्लैट पर मृत पाई गई थीं।



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काश! दीपिका की तरह लड़ना जानती प्रत्यूषा
बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने 2014 में एक इंटरव्यू में यह कहकर लोगों को हैरान कर दिया था कि वो स्टारडम की ऊंचाई पाने के बाद जब वह अपने कैरियर में असफल होने लगी थीं, तब वह अवसाद की शिकार हो गई थीं। वह समझ नहीं पा रही थीं कि उनके पास गाड़ी, बंगला, ऐशो-आराम, सफल लोगों का जमावड़ा, वह सब कुछ है जिसकी आम आदमी को तमन्ना रहती है, इसके बावजूद ऐसी क्या बात है कि जो उन्हें परेशान कर रही है। इस मामले को लेकर उन्होंने मनोचिकित्सक की सलाह ली, जिसने बताया कि वह मानसिक अवसाद से ग्रस्त हो गई हैं। दीपिका के मुताबिक, लोग हैरान थे कि इतना सफल होने के बावजूद डिप्रेशन था, लेकिन लोग किसी की मेंटल हेल्थ का अंदाजा नहीं लगा पाते। दीपिका भाग्यशाली रहीं कि उनके परिवार और दोस्तों ने उन्हें इस अवसाद से बाहर आने में मदद की। दीपिका अब अवसाद को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए खास कैंपेन भी चला रही हैं।  सबसे जरूरी चीज, उन्होंने अपनी समस्या को पहचानकर उसका सही समय पर उपचार लिया, लेकिन हर कोई उनके जैसा भाग्यशाली नहीं होता। बहुतों को तो पता ही नहीं होता कि वे अवसाद में हैं और उन्हें इलाज की जरूरत है। बढ़ते-बढ़ते ऐसे लोगों की बीमारी इतनी बड़ी हो जाती है कि बात खुदकुशी तक जा पहुंचती है। प्रत्यूषा बनर्जी ने भी छोटे पर्दे की आनंदी के रूप में बड़ा नाम कमाया। उनकी लोकप्रियता ने उन्हें बिग बॉस में भी पहुंचाया। आनंदी, नाम बड़ा जरूर था , पर प्रत्यूषा के पास अब काम नहीं था। वैसे तो वह कईं सीरियलों में नजर आ रही थीं, लेकिन लीड रोल उनके लिए खत्म होते जा रहे थे। उनकी असफलता उनकी ‌ही जिदंगी पर भारी पड़ती जा रही थी। कहते हैं कि वह ड्रग्स लेने लगी थीं। अपने बॉयफ्रेंड से भी उनके रिश्ते अच्छे नहीं रहे थे। कुल मिलाकार कहा जा सकता है कि वह भी अवसादग्रस्त हो चुकी थीं, जिसके कारण उन्होंने मौत को गले लगा लिया।  अवसाद की समस्या उन लोगों के साथ बढ़ जाती है, जो इसे समझने और डॉक्टरी सलाह लेने के बजाय इसे छुपाकर अंदर-ही-अंदर घुटते रहते हैं। उन्हें लगता है कि डॉक्टरी सलाह लेने पर कोई उन्हें पागल न कहने लगे। सही समय पर डॉक्टरी सलाह लेने पर कई जिंदगियों को बचाया जा सकता है।




सुरक्षित भविष्य के लिए
एक्ट्रेस को भाते हैं उद्योगपति
ग्लैमर की दुनिया में पैसा बहुत अहमियत रखता है। अक्सर जब सितारों का कैरियर ढलान पर होता है, तब पैसे की तंगी के चलते वे हताशा के शिकार होते हैं। खासकर अभिनेत्रियों की बात करें तो  उनका सिने कैरियर छोटा और बेहद उतार-चढ़ाव भरा होता है। इसलिए जब बात शादी की आती है तो उन्हें मशहूर बिजनेस टाइकून पसंद आते हैं। धनवान व्यक्ति से शादी करके वे अपना आने वाला कल सुरक्षित कर लेती हैं। बॉलीवुड में ऐसी कईं अभिनेत्रियां हैं, जिन्होंने उद्योगपतियों का हाथ थामा। गुजरे जमाने में करोड़ों दिलों की धड़कन रहीं मुमताज का नाम दारा सिंह, शम्मी कपूर, जितेंद्र के अलावा राजेश खन्ना के साथ भी जुड़ा, जो उनसे शादी करना चाहते थे। लेकिन मुमताज ने विदेश में बसे भारतीय उद्योगपति मयूर माधवानी से शादी की। टीना मुनीम ने उद्योगपति अनिल अंबानी का दामन थामा। जबकी टीना के राजेश खन्ना के साथ कई सालों तक अफेयर के खूब चर्चे रहे, दोनों लिव इन में भी रहे। जूही चावला ने भारतीय मूल के ब्रिटिश बिजनेसमैन जय मेहता से अचानक शादी करने का खुलासा कर सबको हैरान कर दिया था। बिग ब्रदर की विजेता बनने के बाद शिल्पा शेट्टी ने ब्रिटिश भारतीय व्यवसायी राज कुंद्रा से शादी की। कभी अक्षय कुमार से इश्क लड़ाने वाली रवीना टंडन ने बिजनेसमैन अनिल थंडानी को अपना हमसफर बनाया। अभिषेक बच्चन से अपनी सगाई तोड़कर करिश्मा कपूर ने दिल्ली के उद्योगपति संजय कपूर से नाता जोड़ा था। हेमा मालिनी और धर्मेंद्र की लाडली ऐशा देओल ने फिल्मी पारी के असफल रहने पर उद्योगपति भरत तखलानी संग सात फेरे लिए। आयशा टाकिया ने भी अपने कैरियर में जब कोई मुकाम नहीं पाया तो होटल मालिक फरहान आजमी को अपना बना लिया। विद्या बालन ने यू टीवी मोशन पिक्चर्स के सीईओ सिद्धार्थ रॉय कपूर के साथ शादी की। रानी मुखर्जी ने बॉलीवुड के सबसे बड़े बैनर के मालिक यशराज चोपड़ा के बेटे आदित्य चोपड़ा के साथ ब्याह रचाया। हाल ही में असिन माइक्रोमैक्‍स के को-फाउंडर राहुल शर्मा के साथ विवाह बंधन में बंधीं। रेखा और अमिताभ के प्यार की दास्तां से सभी वाकिफ हैं। लेकिन अचानक ही दोनों ने अपने रास्ते बदल लिए और रेखा ने भी 1990 में उद्योगपति मुकेश अग्रवाल से शादी की। लेकिन विडंबना रही कि मुकेश ने एक साल बाद ही खुदकुशी कर ली।