Sunday 27 March 2016

तो सचिन से भी आगे निकल जायंगे विराट कोहली...


 वह एक दौर था जब सचिन तेंदुलकर क्रिकेट मैदान पर हों तो जीत तय मानी जाती थी लेकिन जीत के करीब लाकर आउट हों तो उन्हें गाली भी तय मानी जाती थी। दौर बदला, सचिन ने क्रिकेट को अलविदा कहा और शुरू हुई एक और सचिन की तलाश। अब वह तलाश विराट कोहली पर खत्म होती दिख रही है...

वह दिल्ली का बाशिंदा है, वह आक्रामकता और परफॉर्मेंस का अनूठा संगम है और उसे चुनौतियां का मुकाबला करना पसंद है। वह दबाव में बिखरता नहीं बल्कि निखर कर सामने आता है। उसमें द्रविड़ जैसा धैर्य है तो आक्रामकता सहवाग सी है। उसका खेल सचिन जैसा नैसर्गिक है और वह गांगुली की तरह आगे बढ़कर लीड करना जानता है। वह सिर्फ बल्ले से ही विपक्षी को जवाब नहीं देता है बल्कि अपने गुस्से से भी सबकी बोलती बंद कर देता है। वह भारत का टेस्ट टीम कप्तान है और उसके पास वह सब कुछ है जो एक 27 वर्षीय युवक केवल कल्पना ही कर सकता है। इतना सब हासिल करने के बावजूद खेल के प्रति उसकी लगन देखने लायक है। वह और कोई नहीं, विराट कोहली है। वह भारत की रन मशीन है। वह करोड़ों भारतीयों का विराट है।  विराट कोहली, यह शख्स पिछले कुछ सालों से क्रिकेट के मैदान में इस कदर छाया है कि अब उसके तूफान में ‘क्रिकेट के भगवान’ सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड भी उड़ने या यूं कहें टूटने लगे हैं। तो क्या यह मान लिया जाए कि विराट कोहली क्रिकेट की दुनिया के नए सचिन तेंदुलकर हैं? शायद यह कहना जल्दबाजी या अतिशयोक्ति होगी लेकिन विश्वकप 2011 के फाइनल के बाद हुए जश्न में जिन लोगों ने विराट कोहली को देखा होगा, उन्हें याद होगा कि विराट ने सचिन को अपने कंधों पर बैठा लिया था। दरअसल, वह विराट का एक संकेत था।  उसमें कहीं न कहीं यह बात छिपी हुई थी कि अब आगे सचिन जैसे महान खिलाड़ी की विरासत को कंधों पर रख आगे बढ़ाने के लिए वह तैयार हैं। अब क्रिकेट प्रेमी से लेकर विशेषज्ञ तक भी यह मानने लगे हैं कि विराट कोहली आने वाले कल के सचिन हो सकते हैं। हालांकि इन दोनों में कई असमानताएं हैं। दोनों की शख्सियत जुदा है तो अंदाज भी अलग है। मिजाज और खेल की शैली की भी कोई तुलना नहीं है। जहां सचिन क्रिकेट के जैंटलमैन हैं तो विराट उद्दंड खिलाड़ी । लेकिन हां, जब दोनों अपनी लय में होते हैं तो लगता है जैसे वह किसी शोएब अख्तर या फिर डेल स्टेन के सामने नहीं खेल रहे हैं बल्कि किसी गली के कमजोर गेंदबाज की गेंद को स्प्रिंग लगी बैट से सीमा रेखा के बाहर पहुंचा रहें हो। जब शेष खिलाड़ी जूझ रहे होते हैं, तब वह मानों अतिरिक्त ऊर्जा की पूंजी के साथ गेंद को अपने बल्ले के बीचोबीच महसूस करते हैं। दोनों की बल्लेबाजी में  सकारात्मक सोच, स्थिरता, संतुलन, आक्रामकता, बहुआयामी रुझान और कलात्मकता का समायोजन देखने को मिल जाता है। इसके बावजूद कुछ जानकार मानते हैं कि विराट एक मायने में सचिन से बेहतर हैं। जानकारों का कहना है कि विराट अपने साथ ‘नर्वस एनर्जी’ लेकर मैदान पर नहीं आते। वहीं यह ‘एनर्जी’ सचिन के खेल का एक अनिवार्य हिस्सा रही है। वह सचिन से ज्यादा आत्मविश्वास से लबरेज दिखते हैं। जिन लोगों ने पिछले पच्चीस सालों का क्रिकेट देखा है, वह भी इस बात को बखूबी समझते हैं। सचिन को बल्लेबाजी करते देख प्रशंसक हमेशा भय और आशंका से ग्रस्त रहते थे कि किसी भी क्षण वह गेंद को हवा में खेलेंगे और आउट हो जाऐंगे या गिल्लियां उड़ जाएंगी लेकिन कोहली के साथ एक पॉजिटिव एनर्जी खेल में आती है। हो सकता है, यह उसकी आक्रामक शख्सियत का परिणाम हो लेकिन उनका यह प्रभाव ही विपक्षी को कमजोर कर देता है। कोहली का यह आत्मविश्वास ही है कि जब 2016 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ  वनडे सीरीज के पहले मैच में कोहली छक्का मारने के चक्कर में 91 रनों पर लपके गए थे तब वसीम अकरम ने कोहली से पूछा ,  ‘ये बताइए,  आपको ऐसा शॉट मारने की क्या जरूरत थी? आप तो शतक के बेहद करीब थे, आसानी से पूरा भी कर सकते थे। इस पर कोहली का जवाब था कि आप थोड़ा इंतजार कीजिए, मैं इस सीरीज में कम से कम दो शतक जरूर लगाऊंगा और उनका चार मैचों की उस सीरीज में स्कोर था: 91, 59, 117 और 106 रन। कोहली की शख्सियत इतनी बड़ी होने लगी है कि पूर्व क्रिकेटरों को भी उनमें सचिन की छाप नजर आती है। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क और स्टीव वॉ ने कहा था कि कोहली को देखकर उन्हें सचिन की याद आती है। कुछ क्रिकेट जानकार सचिन को एक आर्टिस्ट के रूप में देखते हैं तो कोहली को एक फाइटर मानते हैं। यह भी सच है कि शांत सचिन की शख्सियत ही ऐसी थी कि उनके भय से विपक्षियों को नींद तक नहीं आती थी। महान लेग स्पिनर शेन वार्न और तेज गेंदबाज शोएब अख्तर जैसे दिग्गज कई दफा अपने डर का किस्सा सार्वजनिक कर चुके हैं।  24 साल के कैरियर में वे लगभग विवादमुक्त रहकर क्रिकेट खेलते रहे। वह मैदान में हों या उससे बाहर, उनका प्रदर्शन और व्यवहार सबके लिए आदर्श बना रहा। मशहूर पत्रकार प्रभाष जोशी ने एक बार सचिन के बारे में कहा था, ‘देश चाहता है कि सपूत हो तो तेंदुलकर जैसा, टीम चाहती है कि खिलाड़ी हो तो सचिन जैसा, माता-पिता चाहते हैं कि बेटा हो तो तेंदुलकर जैसा, गुरु चाहते हैं कि शिष्य हो तो तेंदुलकर जैसा और अब तो बेटा-बेटी चाहते हैं कि पापा हों तो तेंदुलकर जैसे।’ बहरहाल, सचिन अब इतिहास हैं और वर्तमान दौर विराट कोहली का है। प्रशंसकों के लिए सचिन हमेशा पहला प्यार बने रहेंगे लेकिन सच यह भी है कि अगर कोहली निरंतर ऐसा विराट प्रदर्शन करते रहे तो उनसे प्यार और गाढ़ा ही होता जाएगा।

कौन है विराट : सचिन या कोहली
आधुनिक युग के क्रिकेट में जब बल्लेबाजी की बात आती है तो सचिन तेंदुलकर वह पहला नाम है जो लोगों के जेहन में आता है। सचिन के चाहने वाले इसके अलावा कुछ और सुनना ही नहीं चाहते हैं लेकिन सचिन के रिकॉर्ड और बल्लेबाजी शैली को कोई तुलना दे रहा है तो वह है विराट कोहली। चूंकि क्रिकेट में आंकड़ों का बहुत महत्व होता है इसलिए तुलना होना भी लाजमी है। ऐसी तुलनाएं कई बार मजेदार होती हैं। दोनों के बीच तुलना की बात की जाए तो विराट ने अपने पहले 41 टेस्ट मैचों की 72 पारियों में चार बार नाबाद रहते हुए 2994 रन बनाए हैं। फिलहाल विराट का उच्चतम स्कोर 169 रन है। उनका बल्लेबाजी औसत 44.02 है। इस दौरान उन्होंने 11 शतक और 12 अर्धशतक लगाए हैं। वहीं अगर सचिन की बात की जाए तो उन्होंने अपने शुरुआती 41 टेस्ट मैचों की 60 पारियों में सात बार नॉट आउट रहते हुए 2911 रन बनाए थे। शुरुआती 41 मैचों में सचिन का उच्चतम स्कोर 179 था। उनका बल्लेबाजी औसत विराट से कहीं ज्यादा 54.92 था। सचिन ने इस दौरान 10 शतक और 14 अर्धशतक जड़े थे। बात अगर वनडे की जाए तो विराट ने अभी तक खेले 171 मैचों की 163 पारियों में 23 बार नॉट आउट रहते हुए 7212 रन बनाए हैं। वनडे क्रिकेट में विराट सबसे तेजी से 7000 रन बनाने वाले बल्लेबाज भी हैं।  इस दौरान विराट का बल्लेबाजी औसत 51.51 का रहा है। उन्होंने 25 शतक और 36 अर्धशतक लगाए हैं। उनका उच्चतम स्कोर 183 रन का रहा है। वहीं सचिन ने अपने पहले 171 वनडे मैचों की 166 पारियों में 16 बार नॉट आउट रहते हुए 5828 रन बनाए थे। सचिन का उच्चतम स्कोर 137 का रहा। इस दौरान सचिन का बल्लेबाजी औसत 38.85 का रहा था। उन्होंने 12 शतक और 36 अर्धशतक बनाए थे। टी 20 में बात करें तो विराट ने 40 मैच की 37 पारियों में 10 बार नाबाद रहे हैं और 1446 रन बनाए हैं। कोहली का बल्लेबाजी औसत 53.55 का है। विराट का स्ट्राइक रेट 32.41 है। जबकि सचिन की बात करें तो उन्होंने एकमात्र टी 20 मैच खेला है। इस मैच में उन्होंने 10 रन बनाए।  यहां एक बात का ध्यान रखना जरूरी है कि जहां विराट ने अपने कैरियर में अधिकतर नंबर तीन या चार पर बल्लेबाजी की है वहीं सचिन शुरुआती 70 से ज्यादा वनडे में पांचवें या छठे नंबर पर ही बल्लेबाजी करने आते थे। इसके अलावा दो अलग युग के बल्लेबाजों में केवल रनों के आधार पर तुलना करने से पहले गेंदबाजी, मैदान, खेल के नियम व अन्य कई परिस्थितियों का भी ख्याल रखना जरूरी है।

विज्ञापन वर्ल्ड में सचिन बनाम कोहली
सचिन जिस दौर में हीरो बन रहे थे इत्तेफाक से यह वही दौर था जब देश का बाजार दुनिया के लिए खुल रहा था। अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को यहां पैठ और पहचान बनाने के लिए अपने नायकों और प्रतीकों की जरूरत थी। सचिन के रूप में उन्हें ऐसा आदर्श मिला। बाजार ने क्रिकेट को हाथों-हाथ लिया और उसे अपनी जरूरतों के हिसाब से बदला भी। क्रिकेट देश का दूसरा धर्म बन गया और सचिन इसके देवता। लेकिन आज हालात बदल गए हैं। उसी बाजार का क्रिकेट में हद से ज्यादा दखल हो गया है। नतीजा यह है कि अब बहुत-से लोग क्रिकेट को खेल की तरह नहीं बल्कि किसी तमाशे की तरह देख रहे हैं। बहुत-से लोग मानने लगे हैं कि खिलाड़ी गेंद और बल्ले से कविता रचने वाले देवता नहीं, महज पैसे के पीछे भागने वाले इंसान हैं और यहीं क्रिकेट का वह जादू टूट रहा है जो इसे जुनून और धर्म में बदलता है। यह बात सिर्फ खेल विशेषज्ञ नहीं कह रहे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) भी इसे मानती है। 2011 में आई उसकी एक रिपोर्ट कहती है कि भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता में लगातार गिरावट आ रही है, खासकर वनडे और टेस्ट क्रिकेट की।  ऐसे दौर में विराट ने विज्ञापन की दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। पेप्सी, मंच, रिबॉक, नाइके, एमआरएफ सहित तमाम बड़ी कंपनियों के साथ उनका करार है। कई विज्ञापनों की कमाई में विराट ने धोनी और सचिन को शिकस्त भी दे दी है। सोशल मीडिया पर भी विराट कोहली सचिन से आगे निकल चुके हैं । उनके फॉलोअर्स सचिन से कहीं ज्यादा हैं।  फोर्ब्स पत्रिका ने विराट को भी ब्रांड के रूप में देखा है।




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अनुष्का संग रहा ‘खूबसूरत’ रिश्ता
कहते हैं कि हर कामयाब आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता है लेकिन जब बात हो विराट कोहली और अनुष्का शर्मा की तो मामला थोड़ा अलग हो जाता है। जब तक दोनों रिलेशनशिप में रहे विराट के हर खराब परफॉर्मेंस के लिए अनुष्का शर्मा को ही दोष दिया गया। बात चाहें 2014 में इंग्लैंड दौरे पर विराट के खराब प्रदर्शन की हो या फिर विश्वकप 2015 के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की हार की हो, गालियां अनुष्का को ही पड़ीं। बावजूद इसके अनुष्का और विराट का प्यार कम नहीं हुआ। समय - समय पर विराट अपने ‘माय लव’ को फ्लाइंग किस देकर या हाथ मेें हाथ डालकर अपने प्यार के बारे में दुनिया को बताने से पीछे भी नहीं रहे। यहां तक की उन्होंने एक पत्रकार से अनुष्का के लिए लड़ाई भी कर ली। तो अनुष्का भी आलोचनाओं की परवाह न करते हुए विराट कोहली को चीयर्स करने के लिए स्टेडियम में पहुंचती रहीं। हालांकि पिछले कुछ दिनों से विराट और अनुष्का के बीच दरार की भी खबरें आ रही हैं। इस ब्रेकअप के कई कारण बताए जा रहे हैं। ब्रेकअप की वजहों को खंगालने से पहले इस जोड़ी की प्रेम कहानी पर एक नजर जरूरी है। विराट और अनुष्का की प्रेम कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। इन दोनों की पहली मुलाकात एक विज्ञापन की शूटिंग के दौरान हुई थी। क्रिकेट मैच के दौरान विराट बेहद गुस्सैल किस्म के इंसान लगते हैं। अनुष्का खुद फिल्मों में हैं लेकिन टीवी पर विराट को देख उनकी गुस्सैल छवि को ही विराट की असलियत मान बैठीं। शूटिंग के पहले अनुष्का को लगा कि एक अक्खड़ और तुनक मिजाज इंसान के साथ उन्हें काम करना है इसलिए उन्होंने भी जरूरत से ज्यादा ‘एटीट्यूड’ दिखाया। विज्ञापन शूट के शुरुआती दिनों में दोनों में कई बातों को लेकर असहमति रही लेकिन बाद में विराट को अनुष्का ने जैसा सोचा था उससे विपरीत पाया। अनुष्का के साथ विराट बेहद सौम्यता से पेश आए और संभव है कि विराट के इसी व्यवहार ने अनुष्का का दिल जीत लिया। फिर क्या था, इश्क परवाना चढ़ा और बात शादी तक पहुंच गई। ऐसी खबरें आती रहीं कि विराट शादी करना चाहती हैं लेकिन अनुष्का अभी कैरियर पर फोकस करना चाहते हैं। दरअसल, अनुष्का को यह बखूबी पता है कि अभिनेत्रियों का कैरियर शादी के बाद लगभग खत्म सा हो जाता है। यह भी सच है कि यशराज फिल्म्स के बैनर और शाहरुख खान जैसे सुपरस्टार के साथ अपना कैरियर आरंभ करने वाली अनुष्का अपने उम्मीदों के मुताबिक आगे नहीं गईं और नंबर वन की रेस में समकालीन अभिनेत्रियों से बहुत पीछे भी छूट गईं। वहीं कोहली का कद समय के साथ और भी विराट होता जा रहा है। संभवत: अनुष्का पर ‘मानवीय जलन’ भी हावी हो इसलिए उन्होंने शादी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। क्योंकि खबरें आती रहीं हैं कि कोहली की मां चाहती हैं कि उनके बेटे की शादी जल्द हो। ऐसे में अनुष्का द्वारा विराट के प्रस्ताव को झट से झटक देने से कहीं न कहीं उनके ‘इगो’ को भी चोट पहुंची है। अफवाहें यह भी हैं कि अनुष्का की फिल्म ‘बॉम्बे वेलवेट’ में विराट के 40 करोड़ रुपये लगे थे और यह फिल्म बुरी तरह पिट गई। इसके बाद विराट ने अपने पैसे अनुष्का से  मांग दिए जो उन्हें बुरा लगा और  बात ब्रेकअप तक पहुंच गई। खबर है कि फिर से अनुष्का शर्मा ने पैचअप की पहल की है।  बहरहाल , अनुष्का और विराट उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसके लिए शादी से ज्यादा कैरियर महत्वपूर्ण है। उम्र अभी दोनों के पक्ष में हैं और शादी के पहले उन्हें बहुत कुछ पाना है, खासतौर पर अनुष्का को। फिर भी उम्मीद की जानी चाहिए कि विराट अनुष्का की लव स्टोरी का अंत सुखद होगा।  

रोमांस की एक और कहानी
हॉलीवुड एक्ट्रेस इजाबेल लीट संग भी विराट के इश्क के चर्चे रहे। इजाबेल वह एक्ट्रेस हैं जिन्होंने अपने और क्रिकेटर विराट कोहली के संबंध का खुलासा किया था।  एक पत्रकार से बातचीत में उन्होंने माना था कि वह विराट के साथ दो साल तक रिलेशनशिप में थीं। गूगल पर आज भी कई तस्वीरें मौजूद हैं जिनमें विराट और इजाबेल एक साथ नजर आ रहे हैं। विराट से उनके अफेयर की खबरों ने उस वक्त जोर पकड़ा था जब कुछ तस्वीरों में दोनों सिंगापुर की सड़कों पर एक साथ घूमते नजर आए थे। इसके अलावा इंग्लैंड की एक महिला क्रिकेटर ने भी विराट कोहली को सार्वजनिक रूप से प्रपोज किया था। महिला क्रिकेटर ने ट्विटर पर विराट को आई लव यू कहा था।
   
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पूरा नाम  :  विराट प्रेम कोहली
निकनेम : चीकू
जन्म       :  5 नवंबर 1988
जन्मस्थान  : दिल्ली
पिता       : स्व. प्रेम कोहली (वकील )
माता       :  सरोज कोहली
दाएं हाथ के बल्लेबाज
दाएं हाथ के मध्यमगति के तेज गेंदबाज
भूमिका ः मध्यक्रम बल्लेबाज
टेस्ट कैरियर का आगाज ः  वेस्टइंडीज, किंग्‍स्टन (जून, 2011)
वनडे कैरियर का आगाज ः श्रीलंका, दांबुला (अगस्त, 2008)
‌टी 20 कैरियर का आगाज ः जिम्बाब्वे, हरारे (जून, 2010)
अन्य टीमें ः दिल्ली, इंडिया रेड, अंडर 19, रायल चैलेंजर्स बंगलोर     
कप्तान ः भारतीय टेस्ट टीम, रॉयल चैलेंजर्स बंगलोर

टेस्ट में कोहली
स्‍थान     मैच    रन    औसत    शतक    अर्धशकत    सवोऱ्च्च
भारत    17     1059     46.04     3     7     107
विदेश     24     1935     43.00     8     5     169

वनडे
स्‍थान     मैच    रन    औसत    शतक    पचास    सवोऱ्च्च
भारत    63     2844     54.69     10     16     139*
विदेश     72     2885     47.29     11     13     136
अन्य देश    36     1483     54.92     4     7     183

2010 में सबसे ज्यादा वनडे रन बनाने वाले भारतीय क्रिकेटर
2011 में दुनिया के सबसे ज्यादा वनडे रन बनाने वाले क्रिकेटर
2012 में सबसे ज्यादा वनडे रन बनाने वाले भारतीय क्रिकेटर
2013 में सबसे ज्यादा वनडे रन बनाने वाले भारतीय क्रिकेटर
2014 में सबसे ज्यादा वनडे रन बनाने वाले भारतीय क्रिकेटर
 2012 में सबसे ज्यादा टेस्ट  रन बनाने वाले भारतीय क्रिकेटर 

वनडे में सबसे तेज 1000 रन बनाने वाले पहले भारतीय
वनडे में सबसे तेज 4000 रन बनाने वाले पहले भारतीय, विश्व के तीसरे
वनडे में सबसे तेज 5000 रन बनाने वाले पहले भारतीय, विश्व के दूसरे
वनडे में सबसे तेज 6000 रन बनाने वाले पहले भारतीय, विश्व के दूसरे
वनडे में सबसे तेज 7000 रन बनाने वाले वैश्विक खिलाड़ी
वनडे में सबसे तेज 10 शतक लगाने वाले पहले भारतीय, विश्व के दूसरे
वनडे में सबसे तेज 15 शतक लगाने वाले पहले भारतीय, विश्व के दूसरे
वनडे में सबसे तेज 20 शतक लगाने वाले पहले भारतीय, विश्व के दूसरे
वनडे में सबसे तेज 25 शतक लगाने वाले विश्व के पहले क्रिकेटर
टेस्ट में सबसे तेज 1000 रन बनाने वाले विश्व के पहले क्रिकेटर
वनडे में सबसे तेज 52 गेंदों में शतक लगाने वाले भारतीय क्रिकेटर
विश्व कप के पहले ही मैच में शतक जमाने वाले पहले भारतीय
- दुनिया के इकलौते कप्तान हैं, जिन्होंने टेस्ट में कप्तानी करते हुए अपनी पहली तीन पारियों में ही शतक ठोंके हैं

21 बार वनडे में मैन ऑफ द मैच चुने गए हैं कोहली
03 बार वनडे में मैन ऑफ द सीरीज चुने गए हैं
02 बार टेस्ट में मैन ऑफ द मैच चुने गए हैं कोहली
08 बार टी 20 में मैन ऑफ द मैच चुने गए हैं
03 बार टी 20 में मैन ऑफ द सीरीज चुने गए हैं

पुरस्कार
2012 में आईसीसी वनडे क्रिकेट ऑफ द ईयर चुने गए
2011-12, 2014-15 में बीसीसीआई पॉली उमर अवार्ड हासिल किया
2013 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित
2011-12, 2019-14 में सिएट इंटरनेशनल क्रिकेटर ऑफ द ईयर
2012  और  2014 में आईसीसी वर्ल्ड इलेवन टीम में शामिल     

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विराट

टैटू गुदवाने के शौकीन हैं विराट
कोहली को टैटू गुदवाने का बेहद शौक है। वह अब तक चार टैटू अपने शरीर पर गुदवा चुके हैं। उनका पसंदीदा टैटू गोल्डन ड्रैगन है जो उन्होंने अपनी बांह पर गुदवा रखा है। कोहली के मुताबिक यह टैटू अच्छे लक का रास्ता है। कोहली अपने फैशन सेंस के लिए भी जाने जाते हैं। उनका नाम 10 बेहतरीन कपड़े पहनने वाले आदमियों में शामिल हैं। इस सूची में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का नाम भी शामिल हैं। अभी वह एक दर्जन से भी ज्यादा ब्रांड के लिए प्रचार करते हैं। विराट उस खास क्लब में भी शामिल हैं जिसमें 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के ब्रांड का प्रचार करने वाले खिलाड़ी शामिल होते हैं।  कोहली लड़कियों में खासे लोकप्रिय हैं। उन्हें कई लड़कियां खून से खत लिख चुकी हैं। यह कोहली के प्रति दीवानगी को बयां करने के लिए काफी है। कोहली चैरिटी में भी काफी आगे हैं। वह अपने नाम से गरीब बच्चों के लिए एक संस्था चलाते हैं। इस संस्था का नाम विराट कोहली फाउंडेशन है।  कोहली केवल क्रिकेट को लेकर पैशनेट नहीं हैं बल्कि वह फुटबॉल को भी काफी पसंद करते हैं। कोहली देश में फुटबॉल को बढ़ावा देने वाली इंडियन सुपर लीग की टीम एफसी गोवा के सह मालिक भी हैं। कोहली पुर्तगाल और स्पेनिश क्लब रियाल मैड्रिड के स्टार स्ट्राइकर रोनाल्डो के बहुत बड़े प्रशंसक है।

नेहरा का कोहली कनेक्शन
कहते हैं समय बदलते देर नहीं लगती। कुछ ऐसा ही विराट कोहली के साथ हुआ। एक समय था जब स्कूली स्तर पर शानदार प्रदर्शन करने के लिए भारतीय टीम के स्टार गेंदबाज आशीष नेहरा ने उन्हें पुरस्कृत किया था। नेहरा तब तक स्टार बन चुके थे और विराट लाइन में थे। एक वह समय भी आया जब विराट कोहली की कप्तानी में आशीष नेहरा चैलेंजर सीरीज 2013 में खेले। कोहली, नेहरा से लगभग10 साल छोटे हैं। आशीष नेहरा और विराट कोहली एक साथ रणजी ट्रॉफी में दिल्ली की ओर से भी खेले।



विराट और विवाद

ऑस्ट्रेलिया के मैदान पर दिखाई उंगली: ऑस्ट्रेलियाई टीम को स्लेजिंग के लिए जाना जाता है और वह उनके खेल का हिस्सा भी है। ऑस्ट्रेलिया टीम के अलावा वहां के दर्शक भी कई बार मैदान पर खड़े विपक्षी टीम के खिलाडियों के साथ अभद्र मजाक करते हैं। लेकिन  कोहली भी अग्रेशन के मामले में कहीं से पीछे नहीं है। इसके चलते 2012 में उन्होंने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेले जा रहे टेस्ट मैच के दौरान मैदान पर अपनी मिडिल फिंगर उठा दी थी। इसके अलावा मैदान पर वह जेम्स फॉक्नर को भी लताड़ लगा चुके हैं।

गंभीर-कोहली की लड़ाई: विराट कोहली हमेशा से ही अपने गुस्से और ज्यादा आक्रामक्ता के चलते फील्ड पर हाइपर हो जाते हैं। 2013 में खेले गए आईपीएल के छठे संस्करण के दौरान आरसीबी और केकेआर के बीच खेले गए मैच में विराट कोहली टीम इंडिया के ही खिलाड़ी गौतम गंभीर से भिड़ गए थे। दो छक्के लगाने के बाद कोहली आउट हो गए थे, जिसके चलते वे इतने गुस्से में आ गए कि, विकेट लेने की खुशी में जश्न मना रहे केकेआर के कप्तान गौतम गंभीर से उलझ पड़े। कोहली की इस हरकत के चलते उनकी कड़ी अलोचनाएं भी हुईं।

अंपायर से उलझ गए : अभी तक मैदान पर दर्शकों और खिलाडियों से भिड़ने वाले विराट कोहली को 2013 में जिम्बाब्‍वे के दौरे पर धोनी की अनुपस्थिती टीम की कमान सौंपी गई थी। मैच में सारी चीजें टीम इंडिया के हक में थीं, लेकिन तभी कोहली ने एक बार फिर नया विवाद खड़ा करने की ठान ली। कोहली कैच आउट हो गए, लेकिन वे अंपायर के फैसले से सहमत नहीं थे, इसके चलते उन्होंने रिव्यू लिया, लेकिन रिव्यू में भी उन्हें आउट ही करार दिया गया। जिसके बाद कोहली दोनों अंपायरों से भिड़ गए।

धवन-कोहली विवाद: 2014 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई टीम इंडिया पूरी सीरीज में एक जीत हासिल करने के लिए तरस गई। ऎसे में माहौल ना सिर्फ मैदान पर खराब दिखा बल्कि टीम के ड्रेसिंग रूम में भी खिलाड़ी एक दूसरे के खिलाफ खड़े नजर आए। ब्रिस्बेन में खेले जा रहे टेस्ट मैच में शिखर धवन को मैच के चौथे दिन पारी की शुरूआत करनी थी, लेकिन प्रेक्टिस सेशन के दौरान चोट लग जाने के कारण वो पारी की शुरूआत करने नहीं जा सके। जिसके चलते विराट को नई गेंद का सामना करने जाना पड़ा और वे जल्द आउट होकर पवैलियन लौट आए। सूत्रों के मुताबिक इसको लेकर कोहली ने धवन पर आरोप लगाया था कि उनकी इंजरी फर्जी है। जिसके जवाब में शिखर धवन ने कहा था कि, मुझे अपने देश के लिए खेलने पर गर्व है। अगर मेरा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहता है, तो मैं खुद बाहर बैठने को तैयार हूं। लेकिन कभी फर्जी इंजरी का बहाना नहीं करूंगा।


कोहली-पत्रकार विवाद: विराट कोहली ने वर्ल्ड कप 2015 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेले जाने वाले मैच से पहले प्रेक्टिस सेशन से लौटते वक्त अपना आपा खो दिया था और एक पत्रकार के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। अचानक भड़के कोहली को देखकर पत्रकार शॉक्ड रह गया था। उसे अपनी गलती समझ में नहीं आ रही थी। पता चला कि किसी पत्रकार ने पहले विराट और उनकी गर्लफ्रेंड अनुष्का को लेकर कोई खबर लिखी थी जिसको लेकर विराट कोहली नाराज थे। लेकिन जब विराट को पता चला कि उनसे पत्रकार को पहचनाने में भूल हुई हैं तो उन्होंने उस पत्रकार से माफी भी मांग ली थी।