24 जनवरी को जब फिल्म ’जय हो’ रिलीज हुई तो सबके मन में एक ही सवाल था कि
यह फिल्म कितनी कमाई करेगी? सबकी नजरें इस बात पर थी कि यह फिल्म ’कृष’ ,’ चेन्नई
एक्सप्रेस’, ‘धूम 3’ को कमाई
में पीछे छोड़ती है कि नहीं । मेरे जैसे तमाम लोग इस बात को लेकर आश्वस्त थे कि यह
फिल्म नए कीर्तिमान दर्ज कराएगी। कमाई के मामले में और कुछ नहीं तो 400 करोड़ क्लब
में तो प्रवेश कर ही जाएगी। लेकिन अचानक
ऐसा क्या हुआ कि एक ही झटके में सारे अरमान टूट गएं और सलमान खान की यह फिल्म कमाई
करने के लिए तरसने लगी? सलमान की जो फिल्में वीकेंड में ही 100 करोड़
की हो जाती थी या करीब होती थी उसमें अचानक क्यों सेंध लग गई, और किसने
लगाई है यह सेंध?
क्योंकि मामला सलमान खान से जुड़ा है तो सवाल उठना लाजमि ही
है। सलमान का नाम आते ही फिल्म इंडस्ट्री में 100 करोड़ क्लब की फिल्मों का जिक्र
शुरू हो जाता है। और हो भी क्यों न? सलमान खान ने ही तो
फिल्मों के कमाई को मुद्दा बनाया। वर्ना पहले कौन जानता और समझता था कि कौन सी
फिल्म कितना कमाई कर गई। फिल्मों की कमाई को लेकर न तो लोगों को समझ होती थी और न
ही कोई दिलचस्पी। दर्शकों को तो सिर्फ और
सिर्फ फिल्म की कहानी, संगीत , संवाद, किरदार से
मतलब होता था लेकिन अचानक सलमान की 'वॉन्टेड’ और 'दबंग' ने फिल्मों
की सफलता और कमाई की परिभाषा ही बदल दी।
तो विषयांतर होने से
पहले यह समझना जरूरी है कि सलमान आखिर क्यों हीरो से जीरो हो गएं? हालांकि कुछ विशेषज्ञ इसे राजनीतिक रंग देने
में जरूर लगे हैं कहा जा रहा है कि फिल्म रिलीज से कुछ दिन पहले भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र
मोदी से सलमान की मुलाकात उन्हें भारी पड़ गई। क्योंकि सलमान खान एक मुसलमान हैं और
कुछ असमाजिक तत्वों की नजर में नरेंद्र मोदी एक कट्टर हिंदू के साथ मुस्लिम भक्षक
हैं। दरअसल, हमारे देश में इस दौर में एक फैशन सा चल गया है कि नरेंद्र
मोदी से जुड़ी हर चीज को या हर व्यक्ति को राजनीतिक रंग देना अनिवार्य है।
लेकिन सच कुछ और ही हैं.. क्योंकि यह सच है कि सलमान की पिछली कई फिल्मों की तुलना में 'जय हो' की कोई
चर्चा नहीं हो रही है। इरोज इंटरनेशनल और
सोहेल खान प्रोडक्शन के बैनर तले बनी इस फिल्म ने ओपनिंग वीकेंड में कुल 101.6 करोड़ का
वर्ल्डवाइड क्लेक्शन किया है। फिल्म की निर्माता कंपनी का कहना है कि 'जय हो' ने वीकेंड
तक भारत में कुल 90 करोड़ तो ओवरसीज में 22.36 करोड़ रुपए
कमाए हैं। फिल्म ने भारत में ओपनिंग डे यानि फिल्मी फ्राइडे पर 17.75 करोड़ तो
शनिवार को 16.68 करोड़ रुपए कमाए। फिल्म के क्लेक्शन में रविवार को 64 फीसदी का
उछाल आया और इस दिन भारत में 'जय हो' ने 26.25 करोड़ रुपए
कमाए।
सलमान खान की 'एक था टाइगर', 'दबंग' और 'बॉडीगार्ड' जैसी फिल्में ब्लॉकबस्टर रही हैं। लेकिन, 'जय हो' को फिल्मीं पंडित 'असफल' मान रहे हैं। उनके
मुताबिक, 2013 में पूरे
साल बड़े बजट वाली फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाती रहीं। शाहरुख खान की 'चेन्नई एक्सप्रेस', रितिक रोशन की 'कृष 3' और साल के आखिर में आमिर खान की 'धूम 3' ने फिल्म बिजनेस में नए कीर्तिमान स्थापित
किए। इसलिए सलमान की नई फिल्मे के लिए पैमाना काफी ऊंचा हो गया है।
एक कारण यह भी है कि पिछले साल की सभी ब्लॉंकबस्टर फिल्मों की
लागत सौ करोड़ से ज्यादा थी, लेकिन सलमान की 'जय हो' का बजट केवल 75 करोड़ रुपए ही था। लिहाजा यह उन फिल्मों का रिकॉर्ड
नहीं तोड़ सकती है। वैसे,
सलमान
ने फिल्म की असफलता की जिम्मेदारी ली है। लेकिन इस असफलता के ठोस कारण फिल्म के
अंदर ही हैं।
फिल्म की असफलता का एक कारण
सलमान और डेजी शाह की फीकी केमेस्ट्री है। फिल्म की लीड जोड़ी सलमान और
डेजी शाह को रोमांस करते देखने पर लगता है कि दोनों से जबर्दस्ती रोमांस करवाया जा
रहा हो। वैसे भी कोरियोग्राफर डेजी शाह की ये पहली फिल्म है और ऐसे में दर्शकों को
भी उनसे कोई खास उम्मीद नहीं है। खास कर 'तेरे नैना' गाने में
इनकी केमेस्ट्री बहुत ही फीकी लगी है। अब स्वभाविक है कि रोमांस के नाम पर दर्शक
बोर तो नहीं होना चाहेगें।
गीत संगीत के नाम पर फिल्म में कुछ भी ऐसा नहीं था जिसे दर्शक
अपना कॉलर ट्यून भी बना सकें। 'बाकी सब फर्स्ट क्लास', 'फोटोकॉपी' और टाइटल ट्रैक। इन सारे गानों में ना तो म्यूजिक अच्छा
है और ना ही लिरिक्स। फिल्म रिलीज के पहले जब म्यूजिक लॉन्च किया गया था, तब भी इसे लोगों का
अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला था और फिल्म में तो सब सामने ही आ गया है। अगर लोग 'जय हो' में 'ढिंका चिका'
(रेडी) जैसे गानों की उम्मीद करके फिल्म देखने गए हैं तो वो
बहुत ही निराश होंगे।
एक बात और है कि सलमान पिछले 16 महीनों से बड़े पर्दे से दूर रहे, लेकिन इस दौरान वो
बिग बॉस 7 के जरिए
अपने फैन्स से जुड़े रहे। इस दौरान शाहरुख खान की 'चेन्नई एक्सप्रेस', ऋतिक रोशन की 'कृष 3' और आमिर खान की 'धूम 3' ने मसाला फिल्मों
के मायने काफी हद तक बदल दिए हैं। 'चेन्नई एक्सप्रेस' दर्शकों को बांधे रखती है, वहीं 'धूम 3' की स्क्रिप्ट अच्छी थी। सलमान की इस फिल्म में फ्रेश कंटेंट
की कमी है और स्क्रिप्ट काफी लचर है।
दरअसल,
'जय हो' एक टिपिकल
सलमान टाइप फिल्म नहीं है। सलमान के फैन्स धमाकेदार एक्शन और रोमांस देखने सिनेमा
हॉल का रूख करते हैं, लेकिन इस
बार रोमांस बिल्कुल भी नहीं है और एक्शन भी साउथ-स्टाइल है। साथ ही इस फिल्म में
उनकी इमेज लवर-ब्वॉय जैसी नहीं है, जैसा कि लोग पसंद करते हैं। 'दबंग' और 'रेडी' जैसी फिल्मों में
भी सलमान के मस्ती भरे अंदाज को पसंद किया गया, लेकिन इसमें वो बात भी नहीं है।
एक और बात है कि शायद दर्शकों को सलमान खान जैसे एक्शन, ड्रामे मैन
द्वारा सोशल वर्क या सोशल मैसेज करते हुए देख कर दर्शक नाखुश हुए होंगे। दर्शक यह
नहीं चाहते कि सलमान खान जैसा पर्सनालिटी यूथ आईकन कोई सोशल वर्क करे या समाजिक
मुद्दों से जुड़ी फिल्म बनाएं। सच तो यह है कि सामाजिक मुद्दों की फिल्मों के लिए
आमिर खान जैसे हीरो ही पसंद किए जाते हैं।
सलमान खान इस बार अपनी इस फिल्म की सफलता को लेकर खुद भी काफी
शंका में थे। अपनी पिछली फिल्मों में वो काफी कॉन्फिडेंट थे और कहते रहते थे कि
उनकी फिल्म जरूर अच्छा करेगी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं था।
उन्होंने एक शो में भी कहा था कि अब उन्हें डर लगने लगा है कि उनकी फिल्म
नहीं चली तो क्या होगा।
सलमान -शाहरूख की दोस्ती ने भी इस फिल्म की असफलता में अहम
भूमिका निभाई है। फिल्म पत्रकार सुधीर कुमार के अनुसार इस फिल्म की असफलता का एक
कारण 'खान वॉर' का खत्म होना और इनकी
दोस्ती है। दरअसल, इन दोनों
खान की आपसी लड़ाई में दर्शकों की दिलचस्पी थी और वे सलमान खान की ओर सहानुभूति की
नजर से देखने लगे थे। क्योंकि जिस दौर में इन दोनों खान की लड़ाई शुरू हुई उस दौर
में शाहरूख अपने चरम पर थे और सलमान का करियर दांव पर था। लेकिन अचानक ही एक ही
झटके में इन दोनों की कंट्रोवर्सी ने शाहरूख के फैन को सलमान की तरफ मोड़ दिया।
लेकिन एक बार फिर इनकी दोस्ती से लोगों को झटका लगा है और एक बार फिर शाहरूख के
फैन वापस अपने आईकन के पास लौट आए हैं। शायद यही वजह 'चेन्नई एक्सप्रेस' की सफलता का कारण
भी बनी।
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